फर्रुखाबाद।भारतीय संस्कृति पीठ की ‘अध्यात्म परिषद की संगोष्ठी डॉ कृष्णकांत अक्षर के निवास लोहाई रोड पर हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता कायमगंज से आए हुए रामबाबू मिश्र रजनीश ने की बस संचालन कृष्णकांत अक्षर ने किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि गीता अध्यात्म की तर्कसंगत व्याख्या है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक आत्मा का संगीत है।
संस्था के संस्थापक डा.कृष्णकांत अक्षर ने रामायण और गीता के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वेद उपनिषद व अन्य ग का संदर्भ देते हुए अध्यात्म को अपनी आत्मा में परमात्मा की प्रतिष्ठा बताया। इस अवसर पर महेश पाल सिंह उपकारी ने भक्ति और अध्यात्म के महत्व पर प्रकाश डाला। संजीव शुक्ला ने अपनी आध्यात्मिक साधना के अनुभव बताएं वरिष्ठ कवि राम शंकर अवस्थी बोध ने रामचरितमानस में अध्यात्म पर चर्चा की। संचालन अक्षर जी ने किया। इस मौके पर नंदन त्रिपाठी, दिव्या, बबलू, संतोष त्रिपाठी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।





