गोंडा: पूर्वोत्तर रेलवे का गोंडा जंक्शन (Gonda Junction) रूटीन ओवरहालिंग डिपो रेलवे वैगनों की विश्वसनीयता और परिचालन सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। जिससे डिपो न केवल वैगनों के अनुरक्षण और मरम्मत का केंद्र है, बल्कि प्रीमियम रेक परीक्षण (rack testing) और आरओएच के लिए पूर्वोत्तर रेलवे का एकमात्र प्रमुख डिपो भी बताया जा रहा है।
यहाँ उपलब्ध अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ और तकनीकी विशेषज्ञता इसे रेलवे परिचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं। तथा वैगनों की जीवन रेखा के अंतर्गत वैगनों के अंडर गियर और बॉडी के महत्वपूर्ण हिस्सों जैसे व्हील और एक्सल, सीटीआरबी,एयर ब्रेक सिस्टम और कप्लर की यहां तकनीकी सुविधाओं के साथ गहन मरम्मत और परीक्षण किया जाता है।
गौरवशाली उपलब्धियाँ
जंक्शन के गौरवशाली उपलब्धियों के विषय पर गहन चर्चा करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि गोंडा आरओएच डिपो ने अपने स्थापना काल से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं जिसमें 1984 में पहली बार रेक परीक्षण की यहां से शुरुआत हुई थी। और फिर आगे बढ़ते हुए मई 2006 में प्रीमियम रेक परीक्षण किया गया।
तथा फरवरी 2019 में 10 वैगनों प्रति माह के लक्ष्य के साथ आर.ओ.एच. डिपो का शुभारंभ होकर भिन्न-भिन्न बरसों में सैकड़ो वैगनों का आर.ओ.एच. कार्य संपन्न हुआ। इसके अलावा अगस्त 2025 से अब तक का सर्वाधिक 169 वैगनों का रूटीन ओवर हीलिंग करके डिपो की कार्यक्षमता और समर्पण का प्रतीक होकर अहम उपलब्धि हासिल की है।