लखनऊ: लखनऊ (Lucknow) में डायरिया (diarrhea) रोको अभियान शुरू हो चुका है जो कि 31 जुलाई तक चलेगा। इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में शनिवार को डायरिया को लेकर कार्याशाला आयोजित हुई। जिसमें पांच साल तक के बच्चों में डायरिया प्रबन्धन, कारणों और बचाव को लेकर जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह ने कहा कि डायरिया से बचाव संभव है और कुछ बातों का ध्यान रख कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। रोकथाम उपचार से बेहतर है। बारिश के मौसम में इसके केस बढ़ जाते हैं इसलिए स्टॉप डायरिया अभियान शुरू किया गया है। ऐसे में समुदाय को डायरिया के लक्षण बचाव और उपचार के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि समुदाय में लोगों को जागरूक करें कि डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक की गोली दें और बच्चे को पास के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ। छह माह तक की आयु के बच्चे को केवल स्तनपान कराएँ। चिकित्सक की सलाह पर ओआरएस दें। ओआरएस और जिंक की गोलिया स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं।
इन सभी के साथ बच्चे को रोटा वायरस का टीका जरूर लगवाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि डायरिया होने पर ओआरएस के साथ खाना जरूर से खिलाएं। डायरिया के लक्षणों के बारे में डॉ. सलमान ने बताया कि बच्चे को दिन में तीन से चार बार पानी जैसा मल आना। स्थिति गंभीर तब होती है जब मल के साथ खून आये, बच्चे के पेट की त्वचा की चुटकी लेने पर वह धीरे से वापिस जाये। बच्चे की आँखें धंसी हों और बच्चा अचेत व सुस्त हो।
इस मौके पर प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ.एम.एच.सिद्दीकी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबन्धक विष्णु प्रताप, सभी जिला अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक, शहरी एवं ग्रामीण सीएचसी के अधीक्षक, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीसीपीएम मौजूद रहे।