सहारनपुर। पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंकवाद के नेटवर्क की जड़ें तलाशने में जुटी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने मंगलवार देर रात सहारनपुर से तीन संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया है।
सूत्रों के अनुसार, ये तीनों व्यक्ति आतंकी डॉक्टर अदील के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं, जो पिछले कुछ समय से वेस्ट यूपी में अपना नेटवर्क मजबूत करने की कोशिश कर रहा था।
एटीएस की टीम ने एक संदिग्ध को देवबंद क्षेत्र से, जबकि दो अन्य को सहारनपुर शहर के अलग-अलग इलाकों से उठाया है।
टीम फिलहाल तीनों से पूछताछ कर रही है, और प्रारंभिक जानकारी के अनुसार तीनों के मोबाइल, लैपटॉप और दस्तावेज़ जब्त कर लिए गए हैं।
एटीएस सूत्रों का कहना है कि डॉ. अदील ने सहारनपुर में रहते हुए निजी अस्पताल में नौकरी की थी, और इसी दौरान उसने कई स्थानीय युवकों से संपर्क बढ़ाया।
उसी दौरान उसने छात्रों और मेडिकल स्टाफ के बीच अपनी विचारधारा फैलाने की कोशिश की।
एटीएस को शक है कि इन तीनों संदिग्धों ने उसी दौरान अदील से निकटता बनाई थी।
जानकारी के मुताबिक, डॉ. अदील की शादी करीब डेढ़ साल पहले हुई थी, जिसमें सहारनपुर और आसपास के कई लोग शामिल हुए थे।
इसी समारोह के दौरान कुछ लोगों के बीच संदिग्ध संपर्कों की शुरुआत हुई थी, जिनकी अब जांच की जा रही है।
एटीएस फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि डॉ. अदील किस संगठन से सीधे जुड़ा था और वेस्ट यूपी में उसके संपर्क कौन-कौन थे।
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ जिलों में भी एटीएस की विशेष टीमें सक्रिय हैं।
प्राथमिक जांच में कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं जिनसे संकेत मिल रहे हैं कि डॉ. अदील किसी विदेशी संगठन से प्रेरित होकर स्थानीय नेटवर्क तैयार कर रहा था।
एटीएस अधिकारियों ने फिलहाल आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पूछताछ में कुछ और नाम सामने आने की संभावना है।
एटीएस की टीमें सहारनपुर से लखनऊ मुख्यालय तक लगातार संपर्क में हैं, और सभी डिजिटल डेटा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
सहारनपुर में एटीएस की यह कार्रवाई वेस्ट यूपी में आतंकी गतिविधियों की संभावित जड़ों तक पहुंचने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
डॉ. अदील के नेटवर्क से जुड़े इन तीनों संदिग्धों से मिलने वाली जानकारी आगामी दिनों में इस केस की बड़ी कड़ी साबित हो सकती है।
> “जब आतंक का चेहरा शिक्षा और चिकित्सा की आड़ में छिपने लगे,
तब समाज को सजग और प्रशासन को सख्त होना ही पड़ेगा।”





