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Wednesday, October 8, 2025

गीता सिर्फ पढ़ने का नहीं आचरण में उतारने का ग्रंथ: डा. पालीवाल

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फर्रुखाबाद: श्रीमद् भगवत गीता वैदिक न्यास (Shrimad Bhagwat Geeta Vedic Trust) के तत्वावधान में श्याम नगर स्थित विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के आसान से बोलते हुए न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उमेश पालीवाल ने कहा कि गीता आचरण में उतारने का ग्रंथ है वास्तव में बढ़ते हुए भौतिकतावाद के युग में गीता का ज्ञान ही रामबाण साबित होगा। वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण में भगवान कृष्ण द्वारा दिया गया उपदेश गीता ज्ञान विशेष योगदान करेगा।

ग्लोबल वैश्य फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल के संयोजन एवं विद्या मंदिर के प्रबंधक गौरव अग्रवाल के प्रबंधन में हुए कार्यक्रम के दौरान आए हुए सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास ब्रह्मचारी महाराज ने की संचालन अंजुम दुबे ने किया।

विचार श्रृंखला को आगे बढ़ते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि न्यास के राष्ट्रीय महासचिव परमानंद शुक्ला ने कहा कि गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो युद्ध के दौरान रचा गया गीता हमको निर्भीक और वीरतापूर्ण जीवन व्यतीत करने का संदेश देती है। गीता का संदेश है कि यदि अन्याय चरम पर पहुंचता है तो उसका प्रतिकार करना आवश्यक हो जाता है।

श्रीमद् भागवत गीता हमें किसी से बैर न रखने का संदेश भी देती है। व्यवस्था प्रमुख डॉक्टर संदीप चतुर्वेदी न्याय हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर कॉन्वेंट से आए हुए विद्वान रामबाबू मिश्र रत्नेश आचार्य श्याम जी , वरिष्ठ कवि महेश पाल सिंह उपकारी, डॉ संदीप चतुर्वेदी आज ने भी विचार व्यक्त किया। अध्यक्ष उद्बोधन में ईश्वर दास ब्रह्मचारी महाराज का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हुआ इस मौके पर मौके पर बड़ी तादाद लोग मौजूद रहे।

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