शमशाबाद (फर्रुखाबाद)। पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते डेम लबालब भर गए हैं। खतरे की संभावना को देखते हुए डेमों से लगभग सवा लाख क्यूसेक पानी गंगा नदी में छोड़ा गया, जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ गया है और नदी उफनती नजर आ रही है। हालांकि फिलहाल स्थिति सामान्य बनी हुई है, लेकिन कटरी क्षेत्र के ग्रामीणों में भविष्य को लेकर चिंता और सतर्कता देखी जा रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, गंगा कटरी क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं। ऐसे में लोग या तो सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने लगते हैं या फिर बाढ़ के संभावित दुष्प्रभावों से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं।
ढाई घाट शमशाबाद स्थित पुल के दोनों ओर बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों द्वारा तंबू लगाकर डेरा डालने की घटनाएं हर वर्ष देखी जाती हैं। प्रशासन भी नियमित रूप से ऐसे प्रभावितों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करता है और मंडी समिति तथा कुछ इंटर कॉलेजों में उनके लिए ठहरने की व्यवस्था करता है।
इस वर्ष की शुरुआत में ही बरसात का असर दिखने लगा है। पहाड़ों पर भारी वर्षा से डेम ओवरफ्लो हो गए हैं, और प्रशासन ने एहतियातन गंगा में सवा लाख क्यूसेक के करीब पानी छोड़ा है, जिससे गंगा उफान पर है।
क्षेत्र में कटाव की भी स्थिति बन रही है, पहाड़ी मिट्टी बाढ़ के पानी में बहकर गंगा में समा रही है। हालांकि अभी तक किसी गांव में पानी घुसने की सूचना नहीं है, लेकिन गंगा के जल का असर छोटे-छोटे गड्ढों और नालों में नजर आने लगा है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सिजवान (गांव समोचीपुर चितार) ने बताया कि गंगा में पानी का उफान देखा गया है, लेकिन फिलहाल किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। वहीं क्षेत्रीय लेखपाल सनोश कुमार ने कहा कि पानी केवल गंगा नदी तक सीमित है और आसपास के नालों में जरूर असर दिखा है, लेकिन नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और यदि जलस्तर और बढ़ता है तो बाढ़ की पूर्व तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। स्थानीय निवासी फिलहाल सतर्क हैं और अग्रिम व्यवस्था की योजनाएं बनाने लगे हैं।