प्रयागराज जिले में बीते कई दिनों से बाढ़ का संकट झेल रहे लोगों के लिए अब राहत की खबर है। गंगा और यमुना दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार कमी दर्ज की जा रही है।
पिछले 24 घंटे में आंकड़े बताते हैं कि —
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 62 सेंटीमीटर घटा है।
छतनाग में गंगा का जलस्तर 91 सेंटीमीटर कम हुआ है।
नैनी में यमुना का जलस्तर 94 सेंटीमीटर घटा है।
जलस्तर घटने के बाद अब राहत शिविरों में रह रहे लोग धीरे-धीरे अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है गंदगी और कीचड़ से भरे रिहायशी इलाके।
नगर निगम ने सफाई अभियान शुरू किया है और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार प्रभावित इलाकों में एंटी-लार्वा स्प्रे कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि महामारी फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को गांव-गांव भेजा गया है।
हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि सफाई व्यवस्था पर्याप्त नहीं है और नाले-गली कीचड़ से पटे हुए हैं। गंदगी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद असली चुनौती शुरू होती है और प्रशासन को चौकन्ना रहकर लगातार निगरानी करनी होगी।