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Monday, September 22, 2025

गंगा का जलस्तर बढ़ा: बांधों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया, फर्रुखाबाद समेत निचले इलाकों में सतर्कता जारी

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हरिद्वार/फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (Uttar Pradesh and Uttarakhand) में लगातार बारिश और पहाड़ी इलाकों से पानी आने के कारण गंगा का जलस्तर (Ganga water level) बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार सुबह गंगा और उसकी सहायक नदियों में बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा गया। इससे निचले इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, और प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

जल स्तर और पानी की निकासी:

नरौरा बांध से 1,50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बिजनौर बैराज से 71,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
हरिद्वार बैराज से 78,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
रामगंगा नदी से 17,000 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया।
गंगा का वर्तमान जलस्तर 137.00 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान के पास है।

जलविभाग अधिकारियों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश और बर्फ पिघलने से नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। इसके चलते निचले इलाकों, खासकर बिजनौर, फर्रुखाबाद, अमरोहा, बुलंदशहर, कन्नौज और कानपुर में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।

फर्रुखाबाद जिले में गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में तेज़ी आई है। जिले के तटीय गांवों में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है, और लोगों को अलर्ट जारी किया गया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इलाके में राहत और बचाव दलों को तैनात कर दिया है। जिले के कई गांवों में तटीय इलाकों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने और सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं। नाव या अस्थायी पुलों का उपयोग न करने की भी चेतावनी दी गई है।

प्रशासन ने बताया कि अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाला पानी और बढ़ सकता है। जिलाधिकारी फर्रुखाबाद ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गंगा किनारे बसे क्षेत्रों में पैदल और वाहन यात्रा पर पूरी निगरानी रखें। स्कूल, अस्पताल और अन्य संवेदनशील स्थानों में सुरक्षा बढ़ाई गई है।

लोगों के लिए चेतावनी:
गंगा किनारे न जाएं।
अस्थायी पुलों या नावों का उपयोग न करें।
प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।

तटीय और बाढ़ प्रभावित इलाकों में निवासियों को ऊंचे स्थानों पर अस्थायी आश्रय लेने के लिए तैयार रहें। जलविभाग ने कहा कि निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए बचाव दल पूरी तरह तैयार हैं।

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