फर्रुखाबाद: जनपद फर्रुखाबाद में गंगा नदी का जलस्तर (Ganga water level) एक बार फिर खतरे (danger) के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे जिले के राजेपुर, अमृतपुर और आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। यह लगातार 25वां दिन है जब गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रशासन के अनुसार, अब तक 200 से अधिक गांव बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों किसान परिवारों की हजारों बीघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे आगामी रबी फसल की बुवाई पर भी संकट मंडरा रहा है।
बीते कुछ दिनों से गंगा का जलस्तर मामूली गिरावट पर था, लेकिन फिर से जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तरी क्षेत्रों में हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के कारण गंगा का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ा है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को राजेपुर व अमृतपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों से सीधे बातचीत कर हालात की जानकारी ली और उन्हें आश्वस्त किया कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
अब तक 40,000 से अधिक लोगों को राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है 200 से अधिक परिवारों को बाढ़ शरणालयों में सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। बाढ़ राहत कैंपों में भोजन, पीने का पानी, दवाइयां और स्वच्छता सामग्री की व्यवस्था की गई है बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सभी संवेदनशील तटबंधों और गांवों की निगरानी बढ़ा दी है। नावों और राहत दलों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है।
जिलाधिकारी ने स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।” ग्रामीणों ने प्रशासन को बताया कि साल-दर-साल आने वाली बाढ़ से उनका सब कुछ तबाह हो रहा है। फसलें डूब जाती हैं, घरों में पानी भर जाता है और रोज़गार छिन जाता है। उन्होंने मांग की कि प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए फसलों का सर्वे कर क्षति का मूल्यांकन हो स्थायी समाधान के लिए गंगा के दोनों किनारों पर पक्का तटबंध बनाया जाए। तहसील अमृतपुर और उसके आसपास के इलाके इस समय सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां सैकड़ों परिवार पानी से घिरे हैं। प्रशासनिक अमला और राहत टीमें लगातार काम कर रही हैं।