फर्रुखाबाद| गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे जिले में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। शनिवार को गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़कर 137 मीटर तक पहुँच गया, जो खतरे के निशान से मात्र 10 सेंटीमीटर कम है। बीते 24 घंटों में जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोग सतर्क हो गए हैं।स्टेट हाईवे पर पानी करीब डेढ़ फीट गहरा हो गया है, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पिकेट लगाकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की है, लेकिन कई वाहन चालकों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ महीने से जिले में बाढ़ का प्रकोप जारी है। तीनों तहसीलों के कई गांवों में अब भी पानी भरा हुआ है। कुछ दिन पहले जलस्तर कम होने के कारण स्टेट हाईवे पर आवागमन शुरू हो गया था, लेकिन पिछले चार दिनों से लगातार जलस्तर बढ़ने के कारण हाईवे फिर से डूब गया है।गंगा नदी शमशाबाद क्षेत्र के गांव समेचीपुर और सदर तहसील क्षेत्र में कटान कर रही है। ठटा की मडैया में गंगा की तेज धार पानी की टंकी से टकरा रही है, जिससे खतरा और बढ़ गया है। बाढ़ के कारण कम्पिल अटेना मार्ग तीन जगहों से कट गया है। लोग अब नावों के सहारे ही आवागमन कर पा रहे हैं। कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों ने अस्थाई पुल बनाकर आने-जाने की व्यवस्था की है, ताकि आवश्यक कार्यकर्म और आवागमन जारी रह सके।बाढ़ कंट्रोल रूम की जानकारी के अनुसार, गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते 150798 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। खो बैराज से 9280 क्यूसेक, हरेली बैराज से 5340 क्यूसेक और रामनगर बैराज से 2650 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।गांवों में जलभराव के कारण आम लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों को अपने घरों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी पड़ रही है। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद कई लोग अनजाने में पानी में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी और कटान के कारण स्थानीय प्रशासन, बाढ़ कंट्रोल रूम और पुलिस-प्रशासन मिलकर प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा रहे हैं।