फर्रुखाबाद| जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार जिले के 162 गाँव अब भी जलमग्न हैं। नारोरा बैराज सहित अन्य स्थानों से छोड़े गए पानी के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 25 सेंटीमीटर ऊपर पहुँच गया है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर गंगापार के गाँवों में देखने को मिल रहा है जहां लोग घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। शमशाबाद शाहजहाँपुर मार्ग समेत कई सड़कें पूरी तरह डूब चुकी हैं जिससे यातायात ठप हो गया है और नाव ही लोगों का एकमात्र सहारा बनी हुई है। नदी के तेज बहाव और कटान के कारण ग्राम पंखियाँ की मलदैया में तीन मकान गंगा में समा गए, हालांकि सभी परिवार पहले ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। बाढ़ से शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ा है, कई विद्यालयों में पानी भर जाने से पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है। वहीं प्रभावित क्षेत्रों में वायरल बुखार और पेट संबंधी बीमारियाँ फैलने लगी हैं, जिन्हें देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी और दवा वितरण के लिए भेजी जा रही हैं। प्रशासन की ओर से 57 नावों को राहत कार्य में लगाया गया है जिनके जरिए प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराने का काम हो रहा है। पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत भी सामने आई है जिसे दूर करने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। कुल मिलाकर फर्रुखाबाद में गंगा का उफान और बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं।