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Saturday, June 21, 2025

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

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शरद कटियार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों का विस्तृत निरीक्षण किया, जिसका उद्देश्य राज्य की आधुनिक परिवहन व्यवस्था और आर्थ‍िक विकास को नया दिशा देना है। इस परियोजना का भविष्यवाणी की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए यह एक्सप्रेसवे एक प्रमुख कड़ी साबित होगा। मुख्यमंत्री का यह निरीक्षण केवल एक निर्माण कार्य का निरीक्षण नहीं था, बल्कि यह राज्य की विकास की दिशा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास यात्रा का भी प्रतीक है, जिसे उनके नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व गति मिली है।

गंगा एक्सप्रेसवे का महत्व

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों को जोड़ने वाली एक विशाल सड़क परियोजना है। यह 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि राज्य के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना का कुल अनुमानित लागत ₹36,230 करोड़ है और इसे चार पैकेजों में कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके निर्माण के बाद यह देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जलालाबाद के ग्राम पीरु के पास गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया, जिसमें हवाई पट्टी का निरीक्षण भी शामिल था। यह हवाई पट्टी 3.50 किमी लंबी है और भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग का पूर्वाभ्यास यहां जल्द ही होने वाला है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजना न केवल परिवहन को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि इसमें आपातकालीन सेवाओं जैसे हवाई आपातकालीन लैंडिंग, एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, एयरपोर्ट और लैंडिंग पेड का विकास राज्य के औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ-साथ, इस परियोजना में कई अन्य विकास कार्य भी चल रहे हैं, जो नवीनतम तकनीकों और उच्चतम मानकों पर आधारित हैं। शाहजहांपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की हवाई पट्टी बनाई गई है, जिसका उपयोग आपातकालीन लैंडिंग के लिए किया जाएगा। यह हवाई पट्टी न केवल स्थानीय स्तर पर आपातकालीन सेवाओं को बढ़ावा देगी, बल्कि एयरलाइन कंपनियों और बड़ी कंपनियों के लिए भी एक सुविधाजनक स्थान हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 18,000 एकड़ भूमि किसानों से खरीदी गई है और इसके निर्माण कार्य के लिए यूपीईआईडीए (UPEIDA) द्वारा आवश्यक वित्तीय निवेश किया गया है। इस परियोजना के तहत हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और स्थानीय उद्योगों के लिए नए अवसरों का रास्ता खुलेगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से आवागमन में तेजी आएगी, जिससे व्यापार और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गंगा एक्सप्रेसवे राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल आर्थिक प्रगति होगी, बल्कि स्थानीय विकास भी होगा।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का निर्णय 2019 के प्रयागराज कुंभ के दौरान लिया गया था और इसे 2020 में कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई थी। इस परियोजना के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में देश में रेलवे, हवाई अड्डों, और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि 2021 में प्रधानमंत्री ने खुद शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था, जो परियोजना की सफलता का प्रतीक बन गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद राज्य में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए कई और परियोजनाएं भी विकसित की जाएंगी। विशेषकर मेरठ से हरिद्वार, काशी, पूर्वांचल, गाजीपुर, शक्तिनगर, और सोनभद्र तक कनेक्टिविटी परियोजनाएं तैयार की जाएंगी। ये परियोजनाएं न केवल राज्य के अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगी, बल्कि इसके द्वारा राज्यों के बीच व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 2 मई को गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का ऐतिहासिक लैंडिंग शो आयोजित किया जाएगा, जो भारतीय वायुसेना की ताकत और गंगा एक्सप्रेसवे के महत्व को दर्शाता है।

वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के विकास को लेकर कहा कि राज्य में 8 वर्षों की सेवा से लोगों की सोच बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में विकास की गति तेज हुई है और अब अन्य राज्यों में भी लोग चाहते हैं कि योगी जैसी सरकार हो।

मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इस परियोजना के बारे में जानकारी दी कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 594 किलोमीटर लंबा है और यह मेरठ से प्रयागराज तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि 2 नवंबर 2025 तक इस परियोजना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और इस परियोजना के कार्यदाई संस्था द्वारा 30 वर्षों तक गारंटी प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गंगा एक्सप्रेसवे निरीक्षण और इसके लिए दिए गए निर्देशों से यह स्पष्ट है कि यह परियोजना केवल एक सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के विकास का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरेगा। इसके माध्यम से राज्य में सुविधाजनक आवागमन, आर्थिक प्रगति, और स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण एक ऐतिहासिक कदम है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

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