यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश में विकास की गति को और तेज करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 16 जिलों में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत अत्याधुनिक रोडवेज बस अड्डे बनाने की मंजूरी दी है। यह योजना राज्य के यातायात और परिवहन व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि, इस सूची से फर्रुखाबाद जिला बाहर रह गया है, जो स्थानीय जनता के लिए निराशा का कारण बन रहा है।
फर्रुखाबाद, जिसे अपरा काशी के नाम से जाना जाता है, अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित मंदिर, पवित्र नदियां और धार्मिक स्थल जिले को एक विशेष पहचान देते हैं। इस जिले का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे राज्य के अन्य जिलों से अलग बनाता है, लेकिन इसके बावजूद इसे इस योजना से बाहर रखा गया है, जो स्थानीय जनता के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है।
यदि फर्रुखाबाद इस योजना में शामिल होता, तो यहां के नागरिकों को कई अत्याधुनिक सुविधाएं मिलतीं। इनमें शामिल हैं,जैसे अत्याधुनिक बस अड्डों में ई-टिकटिंग की सुविधा उपलब्ध होती, जिससे यात्रियों को लंबी कतारों से निजात मिलती और उन्हें डिजिटल माध्यम से आसानी से टिकट बुक करने की सुविधा मिलती।
यात्रियों को अत्याधुनिक बस अड्डों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलती, जिससे वे अपने डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर सकें और समय का सदुपयोग कर सकें।
सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे और 24&7 निगरानी व्यवस्था होती, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध भी किए जाते।
इन बस अड्डों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता, जहां यात्रियों को साफ-सुथरे वॉशरूम और पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था मिलती। इसके अलावा, कचरा निस्तारण और सफाई कर्मचारियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती। यात्रियों की सुविधा के लिए इन बस अड्डों में फूड कोर्ट और शॉपिंग एरिया की भी व्यवस्था होती, जहां यात्री अपने सफर के दौरान खाने-पीने और खरीदारी कर सकते हैं।
अत्याधुनिक बस अड्डों में स्मार्ट पार्किंग की सुविधा होती, जिससे यात्रियों को अपने वाहनों को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से पार्क करने में आसानी होती। यात्रियों के आराम के लिए विश्राम गृह भी बनाए जाते, जहां वे सफर के दौरान आराम कर सकते हैं। विशेष रूप से, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा बहुत उपयोगी साबित होती। जिले को इस योजना में शामिल न किए जाने पर स्थानीय जनता में निराशा और आक्रोश है। लोगों का मानना है कि जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए इसे भी इस परियोजना का हिस्सा बनाना चाहिए था। जिले के कई प्रमुख संगठनों और नेताओं ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है, ताकि फर्रुखाबाद भी इस विकास की धारा में शामिल हो सके।
पीपीपी मॉडल के तहत 16 जिलों में अत्याधुनिक बस अड्डों के निर्माण की मंजूरी से जहां प्रदेश की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा, वहीं फर्रुखाबाद को इस योजना से बाहर रखा जाना एक बड़ा झटका साबित हुआ है। अगर यह जिला इस योजना में शामिल होता, तो यहां के लोगों को अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलता और जिले के विकास में भी तेजी आती। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और फर्रुखाबाद के लोगों की उम्मीदें कितनी पूरी होती हैं।