अस्पताल के मुख्य गेट पर करते थे सौदेबाज़ी, मरीजों को निजी अस्पताल भेजने का खेल
पीजीआई प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में भंडाफोड़
लखनऊ: राजधानी स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PGI) जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल (reputed hospital) के बाहर दलालों का एक गिरोह सक्रिय होने का खुलासा हुआ है। पुलिस और अस्पताल प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में 6 युवकों को गिरफ्तार (arrested) किया गया है, जो पीजीआई के मुख्य गेट पर मरीजों और तीमारदारों को गुमराह कर ठगी कर रहे थे।
गिरफ्तार किए गए युवक खुद को अस्पताल से जुड़े कर्मचारी या एजेंट बताकर मरीजों को इलाज में मदद का झांसा देते थे। वे मरीजों को बताते कि “भीड़ ज्यादा है”, या “इमरजेंसी में भर्ती नहीं हो पाएंगे”, और फिर उन्हें पास के निजी अस्पतालों या क्लीनिकों में ले जाकर मोटी दलाली वसूलते थे। कई मामलों में मरीजों को महंगे इलाज के लिए मजबूर किया गया, जबकि PGI में वही इलाज फ्री या बेहद कम खर्च में उपलब्ध होता है।
PGI प्रशासन को शिकायतें मिल रही थीं कि मुख्य गेट के बाहर कुछ लोग मरीजों से बातचीत कर रहे हैं और उन्हें अंदर जाने से रोक रहे हैं। इसके बाद एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें PGI सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय पुलिस ने मिलकर मुख्य गेट पर निगरानी बढ़ाई। कल शाम की गई कार्रवाई में 6 युवक रंगे हाथ पकड़े गए, जो एक बुजुर्ग मरीज को बाहर ले जाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
PGI प्रशासन ने साफ कहा है कि
“हम मरीजों की सुरक्षा और सुविधा से समझौता नहीं करेंगे। संस्थान के बाहर सक्रिय किसी भी गिरोह को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 419 (व्यक्ति बनकर धोखा देना), 420 (ठगी), और 406 (विश्वास का दुरुपयोग) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। गोमतीनगर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी अज्ञात व्यक्ति अस्पताल के बाहर इलाज की सलाह या मदद देने का दावा करे तो सतर्क रहें। PGI में सभी जरूरी जानकारी अस्पताल हेल्प डेस्क से ही प्राप्त करें। किसी भी संदेहजनक गतिविधि की तुरंत पुलिस या अस्पताल प्रशासन को जानकारी दें।