ढाई घाट गंगा तट पर कार्तिक मेले के बाद गंदगी का अंबार, श्रद्धालुओं में आक्रोश

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फर्रुखाबाद। शमशाबाद स्थित ढाई घाट गंगा तट पर तीन दिवसीय कार्तिक मेले के समापन के बाद चारों ओर गंदगी का अंबार लग गया है। पवित्र गंगा नदी के किनारे फैले इस कचरे को देखकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, जहां एक ओर सरकार गंगा सफाई को लेकर विभिन्न योजनाएं चला रही है और स्वच्छता का संदेश दे रही है, वहीं दूसरी ओर इस पवित्र स्थल पर बदइंतजामी और लापरवाही के हालात देखने को मिल रहे हैं। समाजसेवी संस्थाएं भी गंगा और उसके घाटों की सफाई में लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन मेले के बाद की स्थिति ने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है।

कुछ दिन पूर्व ढाई घाट पर तीन दिवसीय कार्तिक मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें दूर-दूर से आए साधु-संत, कल्पवासी और व्यापारी शामिल हुए थे। हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना की और परिवार व समाज की खुशहाली की कामना की थी। मेले के दौरान व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों से जमकर कारोबार भी किया।

लेकिन मेले की समाप्ति के बाद श्रद्धालु और व्यापारी अपने पीछे भारी मात्रा में कचरा छोड़ गए, जिससे पूरा गंगा तट गंदगी से पट गया है। पूजा-पाठ का सामान, प्लास्टिक, खाने-पीने का कचरा और बचे हुए फूल-मालाएं गंगा में प्रवाहित की जा रही हैं, जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा मैया को पतित पावनी कहा जाता है, लेकिन हम ही उसकी पवित्रता को भंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रशासन, समाजसेवी संस्थाओं और आम जनता को मिलकर पहल करनी होगी, तभी गंगा का आंचल फिर से निर्मल हो सकेगा।

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