राजेपुर (फर्रुखाबाद): राजेपुर विकासखंड के ग्राम राजेपुर राठौरी में स्थापित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र अपनी मूल उद्देश्य से पूरी तरह भटक गया है। जिस केंद्र को गांव में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने के लिए बनाया गया था, वह अब आलू भंडारण गृह में तब्दील हो गया है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित इस केंद्र के अंदर प्लास्टिक और अन्य सूखे कचरे को रखने के लिए अलग-अलग हिस्से बनाए गए थे। लेकिन मौके पर केवल आलू के बोरे और बिखरे हुए आलू मिले। ग्रामीणों ने बताया कि अब इस केंद्र का उपयोग जन चौपाल और निजी भंडारण स्थल के रूप में किया जा रहा है, जिससे इसका मूल उद्देश्य पूरी तरह समाप्त हो गया है।
केंद्र के अनुपयोगी होने के चलते गांव की गलियों में कूड़े के ढेर लगे हैं। जगह-जगह गीले और सूखे कचरे का अंबार जमा है, जिससे पूरे इलाके में दुर्गंध फैल रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में स्वच्छता व्यवस्था मजबूत करने के लिए ऐसे केंद्रों का निर्माण और कूड़ा एकत्रित करने के लिए वाहन उपलब्ध कराए गए थे। मगर ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान की मनमानी और लापरवाही के चलते न तो नियमित सफाई होती है और न ही कूड़ा उठाया जाता है।
गांव के एक नाराज ग्रामीण ने कहा, “गांव में न तो कूड़ा उठाया जाता है और न ही सफाईकर्मी समय पर आते हैं। अधिकारी केवल कागजों में स्वच्छता दिखा रहे हैं, जबकि हकीकत में गांव गंदगी से भर चुका है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने केंद्र की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए, ताकि गांव में दोबारा सफाई व्यवस्था पटरी पर लौट सके।






