एचयूआरएल के स्टेट हेड आरुणि कुमार और दो अधिकारी साथियों पर मुकदमा दर्ज, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर
फर्रुखाबाद: हिंदुस्तान रसायन उर्वरक लिमिटेड (HURL) में कार्यरत मार्केटिंग अधिकारी निशांत गौरव से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि कंपनी के उत्तर प्रदेश-राजस्थान स्टेट हेड आरुणि कुमार और उनके दो सहयोगियों ने झूठी जांच का हवाला देकर निशांत की मां से 13 लाख रुपये ठग लिए। मामला जब पुलिस ने दबा दिया, तब पीड़िता को अदालत की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश पर आखिरकार शहर कोतवाली पुलिस ने तीनों अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
50 लाख की डिमांड, झूठी जांच और मानसिक उत्पीड़न!
पीड़िता पूनम सक्सेना ने दर्ज कराई FIR में आरोप लगाया है कि उनका बेटा निशांत गौरव HURL में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर रायबरेली में तैनात था। कंपनी के ही वरिष्ठ अधिकारी आरुणि कुमार (स्टेट हेड), धीरज कुमार मिश्रा (मार्केटिंग मैनेजर), और अवधेश सिंह (डिप्टी मार्केटिंग मैनेजर) उसे लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। आरोपियों ने 50 लाख रुपये की मांग करते हुए धमकाया कि अगर रकम नहीं दी गई तो उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा और झूठे मामलों में फंसा देंगे।
घर में घुसकर ले गए अधिकारी, मां से मांगे 50 लाख, दिए 13 लाख तो छोड़ा!
21 मार्च 2025 को धीरज और अवधेश, निशांत को फर्रुखाबाद स्थित उसके घर से जबरन ले गए। पीड़िता ने अपने बड़े बेटे तरुण गौरव को भी साथ भेजा। लखनऊ में निशांत को बंधक बनाकर लगातार प्रताड़ित किया गया। घबराई मां ने रिश्तेदारों से उधार लेकर जैसे-तैसे 13 लाख रुपये की व्यवस्था की और उन्हें सौंपे। इसके बाद ही आरोपियों ने निशांत को छोड़ा।
साजिश का पर्दाफाश: जांच ही नहीं थी, सब कुछ था फ्रॉड!
कुछ समय बाद जब परिवार ने मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। कंपनी में कोई जांच चल ही नहीं रही थी। आरोपियों ने महज डर और धमकी के बल पर रुपये ऐंठे थे। जब पीड़ित पक्ष ने रकम वापस मांगी तो आरोपी गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने लगे। पूनम सक्सेना ने जब पुलिस में शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत के स्पष्ट आदेश के बाद शहर कोतवाली पुलिस ने स्टेट हेड आरुणि कुमार, धीरज कुमार और अवधेश सिंह के खिलाफ संगत धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस गंभीर मामले ने एच यू आर एल के कार्यशैली और आंतरिक तंत्र पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या कंपनी प्रबंधन को इन गतिविधियों की भनक नहीं थी, या फिर यह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है? पुलिस की जांच से अब कई परतें खुलने की उम्मीद है। हालांकि जनपद पुलिस के उच्च अधिकारियों से अरणी कुमार की नजदीकियों के चलते पीड़ित परिवार को जिला पुलिस से न्याय की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है पीड़िता पूनम सक्सेना ने बताया कि वह मुकदमे की विवेचना जनपद से करने के पक्ष में नहीं है उन्हें पूर्ण विश्वास है कि पुलिस उनका साथ नहीं देगी। वह उच्च अधिकारियों से मिलकर अन्य जनपद से जांच की मांग करेगी। के संबंध में स्टेट हेड अरणी कुमार व संबंधित अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो बात नहीं हो सकी।