महावीर इंटर कॉलेज में ‘शिक्षा माफिया राज’! फर्जी नियुक्ति, भारी घोटाला

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– अपराधियों से सांठगांठ के आरोप, विजिलेंस जांच की मांग तेज
– प्रबंध समिति पर बेटों–रिश्तेदारों की फर्जी नियुक्ति, MDM–PTA में लाखों की हेराफेरी और परीक्षा केंद्र पर नकल उद्योग चलाने के संगीन आरोप

फर्रुखाबाद।
नगला खैरवंद स्थित महावीर इंटर कॉलेज इन दिनों गंभीर आरोपों के कारण सुर्खियों में है। एक अल्पसंख्यक संस्था होने का लाभ उठाते हुए विद्यालय में फर्जी नियुक्ति, भ्रष्टाचार, अवैध वसूली, नकल उद्योग और शिक्षा माफिया से गठजोड़ जैसे इतने बड़े आरोप एक साथ लगना जिले में पहली बार देखा जा रहा है।
तत्कालीन प्रबंधक रामरतन शाक्य पर आरोप है कि उन्होंने प्रबंध समिति में कूट रचना कर अपने
बेटे मोहनलाल शाक्य (सिर्फ इंटर पास)बेटे फूलचंद शाक्य (सिर्फ हाईस्कूल पास)और दामाद प्रवेश रतन शाक्य
की फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र तैयार कराकर सहायक अध्यापक पर अवैध नियुक्तियाँ कर दीं।
आज तक इन तीनों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन तक नहीं कराया गया, फिर भी वर्षों से मोटा वेतन उठाया जा रहा है।
रामरतन की मौत के बाद प्रवेश रतन शाक्य ने दबाव बनाकर अपने भाई नरेंद्र शाक्य को प्रबंधक बनवा दिया। इसके बाद से विद्यालय में दो भाइयों का ‘अघोषित शासन’ चल रहा है। आरोप है कि विद्यालय को लूट का अड्डा बनाकर, हर स्तर पर अवैध वसूली का नेटवर्क खड़ा कर दिया गया है।
शिक्षकों का कहना है कि मोहनलाल और फूलचंद, दोनों मिलकर स्टाफ को लगातार धमकाते, गाली-गलौज करते और उनका शोषण करते हैं। अभिभावक PTA के नाम पर होने वाली लाखों की वसूली से परेशान हैं।
MDM और PTA में करोड़ों का घोटाला!
विद्यालय के मिड-डे-मील (MDM) PTA फंड में वर्षों से बड़े पैमाने पर घोटाला होने के आरोप हैं। कहा जा रहा है कि भोजन के नाम पर कागज़ी खानापूर्ति होती है और PTA की वसूली खुलेआम ‘उगाही’ की तरह की जाती है।
महावीर इंटर कॉलेज वर्षों से बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनता रहा है, और यही इसकी सबसे बड़ी कमाई बताई जाती है। आरोप है कि स्वकेंद्र का लाभ लेकर लड़कियों को खुली नकल कराई जाती है
₹15,000–20,000 प्रति छात्र लेकर कॉपियाँ लिखाई जाती हैं।
D.El.Ed व कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पैसा लेकर नकल कराई जाती है
विद्यालय के लोग परीक्षा सिस्टम में ‘सेंध’ लगाने के विशेषज्ञ माने जाते हैं
विद्यालय का नाम पहले से ही नकल माफिया के रूप में कुख्यात है।
सूत्रों के अनुसार प्रवेश रतन शाक्य न सिर्फ फर्जी नियुक्ति और अवैध वसूली में शामिल है, बल्कि हाल ही में वह शिक्षा माफिया गिरोह की पैरवी करने में भी सक्रिय हो गया है।
वह कथित रूप से उतर दुल्लो (रीता मिश्रा)को साथ लेकरकुख्यात अपराधी अवधेश मिश्रा की पैरवी के लिए बड़े अधिकारियों के पास चक्कर काटता देखा गया है।
इससे साफ होता है कि प्रवेश रतन शाक्य की पहुँच सिर्फ शिक्षा विभाग तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अपराध जगत और नकल माफिया के साथ मिलकर अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। यह गठजोड़ जिले में शिक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि तीनों नियुक्त शिक्षकों के फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र होने के कारण तत्काल प्रभाव से वेतन रोका जाए,एम डी एम व पीटीए में हुए भारी घोटाले की उच्च स्तरीय समिति से जांच कराई जाए।विद्यालय की लगातार नकल और अनियमितताओं के कारण इसे भविष्य में किसी भी बोर्ड या प्रतियोगी परीक्षा का केंद्र न बनाया जाए। पूरे मामले की विजिलेंस विभाग से जांच हो ताकि शिक्षा माफिया व अपराध जगत के गठजोड़ का खुलासा हो सके।

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