लखनऊ: पूर्व सांसद (Former MP) व U P सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नरेश अग्रवाल (Naresh Agarwal) की पीड़ा से पूर्व मंत्री दिवंगत चेतन चौहान PGI पीड़ा को ताज़ा कर दिया। सपा के पूर्व MLC सुनील साजन ने विधान परिषद् ने इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन भाजपा सरकार ने सबक नहीे लिया तभी आज नरेश अग्रवाल को PGI की असुविधाओं से रुबरू होना पड़ा।
पूर्व सांसद व UP सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नरेश अग्रवाल 29 अक्टूबर को थोड़ी दिक्कत हुई तो PGI लखनऊ में शाम को जाँच कराने गए। गैस्ट्रो विभाग में एक प्रोसीजर के लिए नरेश अग्रवाल को भर्ती होना पड़ा। प्राईवेट वार्ड में ले जाया गया। PGI का प्राइवेट वार्ड बेहद ख़राब था। मच्छर कमरे में घूम रहे थे कांकरोच भी कमरे में थे। शिकायत करने पर कोई सुनने वाला नहीं। वार्ड से एक छोटे से आपरेशन के लिये OT में ले जाया गया। आपरेशन थियेटर की गंदगी तो देखने ही लायक थी, फर्श पर खून बिखरा पड़ा था।
आपरेशन टेबल जिस पर मरीज को लिटाया जाता है उस पर चद्दर तक नहीं पड़ी थी। मशीनों पर गंदगी झाँक रही थी। किसी तरह रात कटी और सुबह घर आया। ओह व्यवस्था बेहद थर्ड क्लास की। जबकि नरेश अग्रवाल के सुपुत्र नितिन अग्रवाल ख़ुद-ब-ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में कद्दावर मंत्री हैं। अब आप PGI में आम रोगी की पीड़ा समझ गए होंगे।


