फर्रुखाबाद: क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर (Flood water) ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। गंगवा और रामगंगा नदियाँ इन दिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस संकट की सबसे भयावह तस्वीर हैबतपुर स्थित गढ़िया काशीराम कॉलोनी (Kashiram Haibatpur Gadhiya Colony) में देखने को मिल रही है, जहाँ इस बार का जलभराव पिछले सभी वर्षों से अधिक गंभीर हो गया है।
गढ़िया काशीराम कॉलोनी पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है। पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि अब लोगों के घरों के अंदर तक पानी घुस चुका है। हालत यह है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और जरूरी सामान के लिए भी जान जोखिम में डालकर पानी में चलने को मजबूर हैं। कई लोग पानी में फिसलकर गिर चुके हैं और घायल हो चुके हैं।
आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने से स्थानीय लोगों ने नालों को काट दिया, जिससे गंदा पानी भी कॉलोनी परिसर में घुस आया है। इससे न केवल बदबू और गंदगी फैली है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है। कॉलोनीवासियों ने सोमवार को जोरदार हंगामा किया। उन्होंने प्रशासन से तत्काल राहत कार्य शुरू करने और जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हर साल यही समस्या होती है, लेकिन इस बार हालात बेकाबू हो चुके हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक न तो कोई अधिकारी मौके पर पहुँचा है, और न ही राहत या बचाव कार्य शुरू हुए हैं। बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों के लिए हालात बेहद चिंताजनक हैं। “हमारे घर में घुटनों तक पानी भर गया है। खाना बनाने की जगह नहीं, दवाइयाँ भीग गई हैं। प्रशासन अगर समय रहते नहीं पहुंचा तो बड़ी अनहोनी हो सकती है,” एक बुजुर्ग महिला ने बताया।
गढ़िया काशीराम कॉलोनी की मौजूदा स्थिति किसी आपदा से कम नहीं है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत नाव, राहत सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएं और जलनिकासी उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। समय पर कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में यह संकट और गहरा हो सकता है।