– पहले सपा को किया अपनी गुंडई से बर्बाद,अब बीजेपी और अपना दल एस को दीमक की तरह कर रहे खोखला
– न कोई पार्टी हित का काम, न समाज जोड़ने की चलाते मुहिम
शरद कटियार
फर्रुखाबाद। जिले की राजनीति में अपराध का साया और गहरा होता जा रहा है। समाजवादी पार्टी से जुड़े जिला पंचायत सदस्य आदित्य राठौर का नाम एक बार फिर विवादों में है। कभी पूर्व जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह द्वारा वर्ष 2021 में ‘माफिया’ घोषित किए गए आदित्य पर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। अब उसके गिरोह पर गैस एजेंसी संचालक से रंगदारी मांगने और मारपीट का गंभीर आरोप सामने आया है।
गैस एजेंसी मालिक को पीटा, भाजपा के लोगों पर संरक्षण देने का आरोप
जानकारी के अनुसार, रविवार रात आदित्य राठौर के नेतृत्व में एक संगठित गिरोह ने एक गैस एजेंसी मालिक को रंगदारी नहीं देने पर जमकर पीटा। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें भाजपा नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
संगठित गिरोह के तौर पर सक्रिय, रात में निकलती है अपराधियों की टोली
स्थानीय सूत्रों के अनुसार आदित्य राठौर का एक संगठित अपराधी गिरोह है, जो जिले में रंगदारी वसूली, जालसाजी और मारपीट जैसे अपराधों में संलिप्त है। शाम ढलते ही गिरोह सक्रिय हो जाता है और अलग-अलग स्थानों पर उत्पात मचाता है। कई सदस्यों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट भी खुली है।
2020 से लेकर अब तक कई मामले दर्ज
राठौर के खिलाफ वर्ष 2020 में मुकदमा संख्या 811 के तहत जालसाजी का मामला दर्ज हुआ था। इसके अलावा काले खान और इरशाद अहमद नामक साथियों पर भी मुकदमे दर्ज हैं। इन मामलों में एसएचओ कमरुल हसन द्वारा चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। आर्थिक अनुसंधान शाखा, कानपुर ने भी एक मामले में आदित्य को दोषी ठहराया है।
सूत्रों के मुताबिक आदित्य राठौर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले सुबोध यादव का नजदीकी रहा है। बाद में वह सत्ता में भागीदारी के लिए बीजेपी में कथित तौर पर शामिल होकर कवच धारण किया। और रिंकू ने अपना दल एस मे ।दोनों का राजनीतिक दबदबा इतना रहा कि अपना दल एस के स्थानीय कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। और अपना दिल की पूरी पार्टी जिले से लगभग खत्म सी हो गई।
जनपद निधि की आड़ में भ्रष्टाचार
आरोप है कि राठौर का गिरोह जनपद निधि का दुरुपयोग कर विकास योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा करता है। जानकारों का मानना है कि यह गिरोह जिले में अपराध और राजनीति का घालमेल बनकर उभर रहा है।
जब वर्ष 2021 में ही आदित्य राठौर को ‘माफिया’ घोषित किया जा चुका था, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
पीड़ितों की पुकार कब तक अनसुनी रहेगी? जिले के जिम्मेदारों से उम्मीद खत्म होने के बाद फर्रुखाबाद के लोगों को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद है कि वे अपराधियों पर जल्द और सख्त कार्रवाई करेंगे। क्योंकि कुछ सफेद पोश दबंग हमलावरों का पक्ष लेकर पीड़ित परिवार पर भी क्रॉस मुकदमा लगाने का दबाव बना रहे हैं जिनकी भी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की जाएगी।
बीती राज जहानगंज थाने में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष के समर्थन में भारी संख्या में उनके सजातीय भारी संख्या में मौजूद थे।