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Sunday, July 6, 2025

पिता-पुत्र की हत्या मामले में तीन सगे भाइयों सहित पांच को उम्रकैद, 22 साल बाद आया फैसला

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– जिला जज नीरज कुमार ने सुनाई सजा

फर्रुखाबाद: शमसाबाद थाना (Shamsabad PS) क्षेत्र के दुदहा गांव में 22 साल पहले हुई दोहरी हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार (Judge Neeraj Kumar) की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने तीन सगे भाइयों सहित पांच आरोपियों को आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा सुनाई है, जबकि दो आरोपियों की फाइल अलग कर दी गई थी।

इस दोहरे हत्याकांड में अदालत ने सूरजपाल, महावीर, राकेश (सभी पुत्र रूपलाल), लेखराम पुत्र सालिगराम और बहादुर पुत्र रामचंद्र को दोषी करार दिया। सभी को उम्रकैद की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है। दुदहा गांव निवासी राम विलास ने गांव के ही सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त 2003 को राम विलास के भाई रूपराम और भतीजा रामपाल गांव के नरेश धोबी के मक्के के खेत में नराई कर रहे थे। उसी दौरान पुरानी रंजिश को लेकर सूरजपाल, महावीर, भंवरपाल, अवधेश, राकेश, लेखराम और बहादुर वहां पहुंचे।

सूरजपाल और महावीर के पास लाइसेंसी बंदूकें थीं, जबकि अन्य आरोपी तमंचा व कुल्हाड़ी से लैस थे। सभी ने मिलकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे रूपराम और रामपाल की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने दोनों शवों को ट्रैक्टर में बांधकर गंगा की कटरी में फेंक दिया और फरार हो गए। मृतक पक्ष ने अपनी तहरीर में बताया कि घटना से करीब दो साल पहले रूपलाल (आरोपियों के पिता) का शव कटरी में मिला था, जिसमें मृतक रामपाल के पिता महावीर पर शक जताया गया था।

इस मामले की सुनवाई अदालत में चल रही थी। उसी रंजिश में यह दोहरा हत्याकांड अंजाम दिया गया। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी भंवरपाल की मौत हो गई, जबकि अवधेश बाल अपचारी निकला, जिसकी फाइल बाल न्यायालय में भेज दी गई। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भी तय की गई है। 22 साल बाद आए इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय की राहत मिली है। गांव में भी इस फैसले को लेकर चर्चा बनी रही।

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