– राजस्व, ई-मोबिलिटी और डिजिटल सेवाओं में रिकॉर्ड प्रगति, ₹2913.78 करोड़ की प्राप्ति
लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून) में बहुआयामी सफलता दर्ज की है। विभाग ने न सिर्फ राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि की, बल्कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, वाहन पंजीकरण और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में भी ठोस उपलब्धियाँ हासिल कीं।
राजस्व में 10.39% की वृद्धि, लक्ष्य के 85.90% तक पहुँचा विभाग
विभाग ने इस तिमाही में ₹2913.78 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में ₹274.22 करोड़ अधिक है। यह 10.39% की वृद्धि दर्शाता है। अकेले जून माह में ₹830.15 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो गत वर्ष की तुलना में 4.10% अधिक है। इसके बावजूद, ई-वाहनों पर छूट जैसी योजनाओं के चलते भी यह उपलब्धि हासिल की गई।
ई-मोबिलिटी में निर्णायक छलांग, 70,770 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत
राज्य सरकार की ई-मोबिलिटी नीति को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला। पहली तिमाही में 70,770 ई-वाहनों को टैक्स और शुल्क में ₹255.50 करोड़ की रियायत दी गई। इनमें 5,658 ई-कारें और 15,434 दोपहिया वाहन शामिल रहे। अकेले जून माह में 23,513 ई-वाहनों को ₹94.70 करोड़ की रियायत दी गई। अब तक कुल 12.29 लाख ई-वाहन पंजीकृत हो चुके हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा ईवी हब बनने की दिशा में अग्रसर है।
इस तिमाही में कुल 11,77,774 परिवहन वाहन पंजीकृत हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.04% अधिक हैं। ई-रिक्शा में 10.82% और ई-कार्ट में 80.26% की भारी वृद्धि देखी गई। नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों में भी 12.41% की वृद्धि दर्ज हुई, जिसमें टू-व्हीलर वर्ग में 13.73% और फोर-व्हीलर में 6.09% की वृद्धि उल्लेखनीय रही।
राजस्व संग्रहण का 90% से अधिक भाग डिजिटल मोड से हुआ। ड्राइविंग लाइसेंस सेवाओं से ₹84.50 करोड़ और ई-चालान व समन शुल्क से ₹30.45 करोड़ की वसूली की गई। यह नागरिकों में डिजिटल शासन पर बढ़ते विश्वास और तकनीक आधारित प्रशासनिक व्यवस्था की सफलता को दर्शाता है।
राज्य सरकार ने जहाँ ई-वाहनों को ₹255.50 करोड़ की कर छूट दी, वहीं राजस्व में भी 10.39% की वृद्धि दर्ज की गई। इससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश ने प्रोत्साहन आधारित कर नीति को सफलतापूर्वक लागू किया है।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा— “यह तिमाही प्रदर्शन केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि नीति, प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और जनसहभागिता की सफलता की कहानी है। उत्तर प्रदेश अब परिवहन के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है।”