गंगा तटबंध निर्माण की मांग को लेकर 14 नवंबर को बुलाई गई बैठक, फर्रुखाबाद विकास मंच करेगा रणनीति तय

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फर्रुखाबाद। जनपद में प्रतिवर्ष गंगा नदी में आने वाली बाढ़ से हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
हर साल लाखों की आबादी इस प्राकृतिक आपदा की विभीषिका से प्रभावित होती है।
गांव के गांव कटान में समा जाते हैं, और लाखों एकड़ उपजाऊ भूमि रेत जमाव तथा तीव्र कटान के कारण खेती योग्य नहीं रह जाती।
प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में पशुधन और जनहानि भी होती है।
इस विनाशकारी बाढ़ से स्थायी राहत के लिए आवश्यक है कि गंगा नदी के दोनों किनारों पर मजबूत तटबंधों का निर्माण कराया जाए।
इसी मांग को सामूहिक जनआवाज़ बनाने के उद्देश्य से फर्रुखाबाद विकास मंच ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
इस बैठक में तटबंध निर्माण की मांग को लेकर आगामी जनआंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
फर्रुखाबाद विकास मंच के जिला अध्यक्ष भइयन मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि —
> “गंगा की बाढ़ से जनपद का बड़ा हिस्सा हर साल तबाही झेलता है।
अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर स्थायी समाधान की दिशा में आवाज बुलंद करें।
तटबंध निर्माण न केवल जनजीवन को बचाएगा बल्कि कृषि और आजीविका के लिए भी आवश्यक है।”
उन्होंने नागरिकों, किसानों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से अधिक से अधिक संख्या में बैठक में उपस्थित होकर अपने सुझाव देने की अपील की है।
> “गंगा जनपद की जीवनरेखा है, लेकिन जब यही जीवनरेखा विनाश का कारण बन जाए,
तब तटबंध निर्माण केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं — बल्कि जनसुरक्षा का आंदोलन बन जाता है।”

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