फर्रुखाबाद में गौ सेवा के लिए शिवा मेडिकल की पहल: इलाज पर 30% छूट, निशुल्क व्यवस्था और सुरक्षा अभियान

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फर्रुखाबाद। जिले में गोवंश के संरक्षण और उनके सुरक्षित इलाज के लिए शिवा मेडिकल एजेंसी ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। एजेंसी के संस्थापक और अध्यक्ष दिवाकर बाजपेई ने बताया कि उनकी एजेंसी फर्रुखाबाद के पांचाल घाट रोड पर चांदपुर नेहा पेट्रोल पंप के पास स्थित है, जहां से गाय और अन्य गोवंश के लिए दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
दिवाकर बाजपेई ने कहा कि उनके प्रतिष्ठान से खरीदी जाने वाली दवाइयों पर 30% की विशेष छूट दी जाएगी। इसके साथ ही:
फुटकर दुकानों पर मिलने वाली दवाइयों के रेट पर 50% तक की छूट सुनिश्चित की जाएगी।
यदि कोई आवारा गोवंश दुर्घटना का शिकार होता है, तो उनके इलाज की निशुल्क व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी।
यह पहल गौ सेवा और उनके स्वास्थ्य संरक्षण को प्राथमिकता देती है।
हाईवे और रात की सुरक्षा अभियान
दिवाकर बाजपेई ने आगे बताया कि उनकी टीम हाईवे और सड़कों पर होने वाली घटनाओं पर विशेष अभियान चलाएगी।
रात में आवारा गायों को रेडियम पेंट के जरिए चिन्हित किया जाएगा।
दुर्घटना की स्थिति में घायल गोवंश को सुरक्षित रूप से गौशाला या शिवा मेडिकल की सुविधा तक पहुँचाया जाएगा।
इस पहल से न केवल गोवंश की सुरक्षा होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
दिवाकर बाजपेई ने अपील की है कि अन्य मेडिकल एजेंसियां और सामाजिक संगठन भी इस पहल में सहयोग करें, ताकि पूरे जिले में गोवंश के संरक्षण और इलाज में व्यापक असर पड़े।
उन्होंने कहा कि यह पहल योगी सरकार की नीतियों और गो सेवा के कार्यक्रमों के अनुरूप है और समाज में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
यह पहल गौ संरक्षण और जन सुरक्षा के लिए एक आदर्श मॉडल बन रही है।
लोगों में सकारात्मक प्रतिक्रिया है और कई सामाजिक संगठन भी अभियान में शामिल होने के इच्छुक हैं।
शिवा मेडिकल द्वारा उपलब्ध दवाइयों की छूट और निशुल्क उपचार से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवारा गोवंश के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
फर्रुखाबाद के पांचाल घाट रोड पर स्थित शिवा मेडिकल एजेंसी अब गौ सेवा, सुरक्षित इलाज और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल पेश कर रही है।
30% छूट के साथ दवाइयों की उपलब्धता,
रात में चिन्हित कर सुरक्षा,
और दुर्घटनाओं में निशुल्क इलाज जैसी व्यवस्थाएं इसे दूरगामी और प्रभावशाली पहल बनाती हैं।
दिवाकर बाजपेई की इस पहल से यह संदेश जाता है कि समाज और गोवंश दोनों के हित में सामूहिक प्रयास जरूरी हैं, और जिले में ऐसे कदमों से ही सामाजिक जागरूकता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।

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