फर्रुखाबाद | फर्रुखाबाद की महायोजना 2031 के अंतर्गत याकूतगंज बरगद चौराहा से नगला पजाबा होते हुए महरुपुर रेलवे क्रॉसिंग तक 45 मीटर चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव स्थानीय जनता के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इस परियोजना के कारण सैकड़ों लोगों की जमीन, दुकानें और मकान उजड़ने की संभावना बन गई है। इससे प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों में भारी आक्रोश और नाराजगी देखी जा रही है।
इस प्रस्तावित चौड़ीकरण के चलते घरों, खेतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित वर्षों पुरानी संपत्तियों पर संकट मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस योजना में जन भावनाओं की अनदेखी की गई है और बिना समुचित सर्वेक्षण के 45 मीटर चौड़ी सड़क का निर्णय लिया गया है, जो व्यावहारिक नहीं है।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कटियार ने इस मुद्दे पर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा:
> “महायोजना के नाम पर जनता का जीना दुश्वार किया जा रहा है। याकूतगंज से महरुपुर तक की सड़क का चौड़ीकरण यदि इसी स्वरूप में किया गया, तो सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे। शासन व प्रशासन को चाहिए कि तुरंत इस समस्या का समाधान करें और जनता को विश्वास में लें।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनभावनाओं की अनदेखी जारी रही, तो स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
विरोध कर रहे लोगों ने जन सुनवाई की मांग की है, ताकि सरकार को ज़मीनी हकीकत से अवगत कराया जा सके। साथ ही उन्होंने अपील की कि यदि सड़क आवश्यक है, तो कम चौड़ाई में वैकल्पिक मार्ग या रूट तैयार किया जाए, जिससे आमजन को नुकसान न हो।
अब तक प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है, जिससे संदेह और तनाव की स्थिति बनी हुई है। लोगों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन जल्द इस पर स्पष्टीकरण देगा।
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