गोरखपुर| तीन युवक, जिन्हें विदेश में अच्छी नौकरी का लालच देकर मालदीव भेजा गया था, वहां एक सुनसान टापू पर फंस गए हैं। युवकों का कहना है कि उन्हें न तो वेतन मिल रहा है और न ही रहने-खाने जैसी कोई सुविधा। भूख और भय से त्रस्त ये युवक वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिवार को अपनी पीड़ा सुनाने के साथ ही भारत लौटाने की गुहार लगा रहे हैं।
पीड़ित युवकों में बेलघाट के समहुतापुर निवासी रामचंद्र साहनी, प्रेमचंद्र साहनी और शाहपुर गांव के हरिनारायण शामिल हैं। उन्हें ट्रांसपोर्टनगर के पास रहने वाले एक एजेंट ने 8 अक्टूबर को मालदीव भेजा था, यह भरोसा दिलाते हुए कि वहां उन्हें अच्छा वेतन, रहने और खाने की सुविधा मिलेगी। हालांकि, वहां पहुंचते ही उन्हें अलग-थलग टापू पर छोड़ दिया गया।
युवकों ने कई बार एजेंट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका मोबाइल बंद बताया गया। निराश होकर उन्होंने अपने स्वजन और गांव के सहपाठी मदन मुरारी शुक्ला के माध्यम से वीडियो संदेश भेजकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्वदेश लौटाने की मदद मांगी है।
परिजन और सहपाठी ने जनता दर्शन में प्रार्थनापत्र देकर भी सीएम से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि “हमारे बेटे और गांव के युवकों को मालदीव में फंसा दिया गया है, कृपया उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाने की कृपा करें।”




