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Tuesday, October 28, 2025

फर्रुखाबाद के नॉन प्रैक्टिशनर वकील माफिया अवधेश मिश्रा नें मोटी रकम डकार थानाध्यक्ष सहित आधा दर्जन पुलिस कर्मी फांसे

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– पत्रकार शरद कटियार ने मुख्यमंत्री से की उच्च स्तरीय जांच की मांग
– पारिवारिक षड्यंत्र, फर्जी मुकदमे और संपत्ति हड़पने की साजिश का का पर्दाफाश

फर्रुखाबाद/लखनऊ: चर्चित पत्रकार और दैनिक यूथ इंडिया (Youth India) के मुख्य संपादक शरद कटियार (Sharad Katiyar) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे एक विस्तृत प्रार्थना पत्र में कचहरी से संचालित माफिया (mafia) नेटवर्क और एक तथाकथित नॉन प्रैक्टिशनर अधिवक्ता अवधेश मिश्रा पर बड़े-बड़े खुलासे किए हैं। पत्र में आरोप है कि उक्त वकील ने पत्रकार के ससुराल पक्ष को अपने गैंग में शामिल कर फर्जी मुकदमे, रंगदारी और संपत्ति हड़पने की संगठित साजिश रची।मनमानी से झूठा मुकदमा न लिखने पर कमालगंज थानाध्यक्ष समेत उन्हें व आधा दर्जन पुलिस कर्मियों तक को फसाया।

शरद कटियार ने बताया कि वे वर्षों से अपराध, भ्रष्टाचार और माफिया तंत्र के खिलाफ निर्भीक रूप से लेखन और समाचार प्रकाशन कर रहे हैं। उनके मुताबिक, इन्हीं सच्ची खबरों से क्षुब्ध होकर फर्रुखाबाद कचहरी के कुख्यात अधिवक्ता अवधेश मिश्रा ने अपने प्रभाव और नेटवर्क का दुरुपयोग करते हुए उनके विरुद्ध षड्यंत्र रच डाला।

पत्र में कहा गया है कि उक्त अधिवक्ता ने उनके ससुराल जनों — अखिलेश गंगवार (कन्नौज), अमन गंगवार, स्नेह लता, व उसकी पुत्री व दामाद सौरभ को अपने गिरोह में शामिल कर रंगदारी मांगने और सामाजिक बदनाम करने की रणनीति बनाई। पत्र में कहा गया है कि जब शरद कटियार ने रंगदारी देने और खबरें रोकने से इनकार किया, तो वकील अवधेश मिश्रा ने उनकी पत्नी की कन्नौज निवासी बड़ी बहन की पुत्री को “विषकन्या” बनाकर उनके खिलाफ फर्जी बलात्कार और गैंगरेप के आरोप लगवा दिए।इससे पूर्व उसी लड़की से उनके बिरुद्ध बलात्कार और गैंग रेप के फर्जी प्रार्थना पत्र क्रमशः 17.10.2020, 23.10.2020, 29.10.2020, 4.11.2020 और 24.11.2020 को विभिन्न झूठे शिकायती पत्र उच्च अधिकारियों को भेजे गए।

पुलिस जांच में आरोप झूठे पाए गए, फिर भी वकील ने धारा 156(3) दं.प्र.सं. के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसे 8 फरवरी 2021 को अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद भी यह गैंग नहीं रुका — परिवार वाद संख्या 6708/2021 दर्ज कराया गया, जो अभी तक फतेहगढ़ सी. जे.एम.न्यायालय में विचाराधीन है।

उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त माफिया नेटवर्क ने दबाव बनाकर कन्नौज कोतवाली में भी मुकदमा अपराध संख्या 16/2021 दर्ज कराया, जिसमें धारा 354, 506, पॉक्सो अधिनियम की धारा 7/8 लगाई गई। कटियार ने कहा कि “मुझ पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव बनाकर मुझे झूठा आरोपित कर दिया गया, जबकि विवेचक कमल भाटी ने मेरे साथ तैनात सरकारी सुरक्षा कर्मी तक के बयान नहीं लिए।”

आरोप है कि पूरा षड्यंत्र उनकी पत्नी की संपत्ति हड़पने का था। वकील अवधेश मिश्रा के प्रभाव में आकर मानसिक रूप से अस्वस्थ 76 वर्षीय सास से कपटपूर्वक पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाकर उनकी कन्नौज स्थित संपत्ति स्नेह लता, सुमन कटियार और लालजी कटियार के नाम 22 डिसमिल भूमि में हस्तांतरित करा दी गई।

इसी क्रम में सराय मीरा में सामूहिक रूप से बना मकान आरोप लगाने वाली के भाई अमन गंगवार के नाम नानी से बैनामा कराकर हड़प लिया गया। इतना ही नहीं, कानपुर नगर की बिल्हौर तहसील के ग्राम रोगांव की लगभग तीन बीघा जमीन भी अप्रैल 2021 में फर्जी दान पत्र द्वारा वादिनी मुकदमा को उनके ऊपर फर्जी मुकदमा दिखाने की एवज में दिलाई गई।

उनका कहना है कि इस षड्यंत्र से अवधेश मिश्रा को भारी आर्थिक लाभ हुआ और उनकी पत्नी का हक संपत्ति से तो मारा ही साथ ही पत्नी को कई वर्षों तक बुजुर्ग और बीमार मां से मिलने तक नहीं दिया गया। दुखद है कि इलाज के अभाव में जिला अस्पताल कन्नौज में शांति देवी का निधन अपनी बेटी से मिले बिना ही हो गया। उनके करोड़ों की संपत्ति जगाने के बाद भी लालची परिजनों ने उच्च संस्थान में इलाज तक नहीं कराया।

शरद कटियार ने न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की शरण ली। रिट याचिका संख्या 15073/2022 की सुनवाई में माननीय न्यायालय ने 21 सितंबर 2023 को कन्नौज न्यायालय में चल रही प्रक्रिया पर स्थगन आदेश पारित किया। लेकिन न्यायालय की इस राहत के बावजूद, “माफिया नेटवर्क” के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की और उसके पति ने अपने माता-पिता से समझौता कर लिया, जिससे यह साफ हो गया कि पूरा मामला योजनाबद्ध षड्यंत्र था।

श्री कटियार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कानपुर मंडल के मंडलायुक्त या किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। वकील अवधेश मिश्रा और उनके गिरोह के विरुद्ध फर्जी मुकदमे, रंगदारी, महिला के दुरुपयोग और संपत्ति हड़पने के आरोपों पर कड़ी विधिक कार्रवाई की जाए।उनकी पत्नी के वैधानिक संपत्ति अधिकारों की रक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाए।फर्रुखाबाद, कन्नौज और लखनऊ के जिला प्रशासन को इस प्रकरण में निगरानी और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाएं।

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