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Sunday, August 17, 2025

फर्रुखाबाद विकास प्राधिकरण: उम्मीदें और चुनौतियाँ

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शरद कटियार

फर्रुखाबाद में विकास प्राधिकरण (Farrukhabad Development Authority) के गठन की घोषणा एक ऐतिहासिक कदम है। लंबे समय से जिले का शहरी ढाँचा अव्यवस्थित निर्माण, अवैध कॉलोनियों (Illegal colonies) और प्रॉपर्टी डीलरों (property dealers) की मनमानी का शिकार रहा है। अब जबकि नगर विकास मंत्रालय ने छह माह के भीतर फर्रुखाबाद विकास प्राधिकरण (एफ.डी.ए.) के गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का संकेत दिया है, यह माना जा सकता है कि जिले के लिए विकास की एक नई राह खुल रही है।

बीते कुछ वर्षों में फर्रुखाबाद का शहरी क्षेत्र अराजक ढंग से बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि 100 से अधिक अवैध कॉलोनियां बसाई जा चुकी हैं और 5,000 से ज्यादा भूखंड बिना वैध नक्शा पास कराए बेचे गए। यही नहीं, 35 प्रतिशत से अधिक सरकारी जमीनें अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी हैं। परिणामस्वरूप न तो सड़कें सही ढंग से बचीं, न ही सीवर और पेयजल की पुरानी लाइनों का रखरखाव संभव हो सका। आज हालत यह है कि आम आदमी महंगे दाम चुकाकर भी अव्यवस्थित और असुरक्षित घरों में रहने को मजबूर है।

ऐसे में विकास प्राधिकरण का गठन केवल कानूनी प्रावधान भर नहीं होगा, बल्कि यह शहर की दिशा और दशा बदलने वाला कदम होगा। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया तो फर्रुखाबाद का नक्शा बदल सकता है। प्राधिकरण के तहत सभी प्रमुख मार्ग चौड़े किए जाएंगे, पार्कों का पुनरुद्धार होगा, और सबसे अहम—फ्लैट सिस्टम लागू होगा। इससे आम नागरिक को पहली बार सस्ते और कानूनी दामों पर घर और भूखंड उपलब्ध होंगे।

लेकिन यह भी सच है कि विकास प्राधिकरण के गठन के साथ बड़ी चुनौतियाँ भी सामने आएंगी। सबसे बड़ी चुनौती है भू-माफियाओं और प्रॉपर्टी डीलरों की लॉबी से टकराव। अब तक मनमाने दामों पर प्लॉट बेचकर अरबों रुपये का मुनाफा कमाने वाले इस वर्ग में पहले से खलबली मच चुकी है। आशंका यह भी है कि यह वर्ग व्यवस्था लागू होने से पहले जमीनों को बेचने की हड़बड़ी करेगा और हर तरह का दबाव बनाएगा।

दूसरी बड़ी चुनौती है पारदर्शिता और ईमानदारी से व्यवस्था लागू करना। यदि कंप्यूटरीकृत लॉटरी से प्लॉट और फ्लैट का आवंटन हुआ, रजिस्ट्री व कब्ज़ा-पत्र की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हुई और नागरिक को बैंक लोन सहित सभी सुविधाएँ सहज मिलीं, तभी आम जनता का विश्वास इस व्यवस्था पर टिकेगा। अन्यथा यह भी महज़ एक कागज़ी प्राधिकरण बनकर रह जाएगा, जैसा कि कई अन्य जिलों में देखने को मिला है।

फर्रुखाबाद विकास प्राधिकरण का गठन अपने आप में अवसर और चुनौती दोनों है। अवसर इसलिए कि यह जिले को एक योजनाबद्ध, व्यवस्थित और आधुनिक शहर बना सकता है। चुनौती इसलिए कि इसे लागू करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक पारदर्शिता और कठोरता की परीक्षा होगी।

यदि यह कदम ईमानदारी से उठाया गया तो न केवल फर्रुखाबाद की अव्यवस्थित कॉलोनियों और अवैध निर्माणों पर लगाम लगेगी, बल्कि जिले का हर नागरिक अपने सिर पर सुरक्षित और वैध छत का सपना पूरा कर सकेगा। यही किसी भी विकास प्राधिकरण का असली उद्देश्य होना चाहिए।

शरद कटियार
ग्रुप एडिटर
यूथ इंडिया न्यूज ग्रुप

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