– जिले में पहली तैनाती पर अधिकारी दिखाते हैं प्रशासनिक क्षमता, फिर मिलती है बड़े जिलों में तैनाती
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में फर्रुखाबाद जिला हमेशा से एक अद्वितीय स्थान पर रहा है, जिसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से “सीएम योगी की प्रयोगशाला” के रूप में पहचाना जाता है। यहाँ तैनात अधिकारियों को पहली बार फर्रुखाबाद में प्रशासनिक दायित्व मिलता है, और इसी दौरान उनकी असली प्रशासनिक क्षमता सामने आती है, जिसके बाद उन्हें प्रदेश के बड़े जिलों में डीएम और एसपी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पदोन्नति मिलती है।
फर्रुखाबाद में तैनात कई अधिकारियों की कहानी इसके प्रमाण हैं, जिन्होंने यहां अपनी पहली तैनाती के दौरान न केवल जिले के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि बाद में बड़े जिलों में अपनी जिम्मेदारी संभालने का अवसर भी प्राप्त किया।जिनमें
आईपीएस अशोक मीणा: अशोक मीणा ने अपनी पहली तैनाती फर्रुखाबाद में एसपी के रूप में की। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने जिले में कानून व्यवस्था में सुधार और अपराध नियंत्रण के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। उनके कार्यों के आधार पर उन्हें प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एसएसपी के रूप में तैनात किया गया।
आईपीएस विकास कुमार: विकास कुमार ने भी फर्रुखाबाद में एसपी के रूप में अपनी पहली तैनाती की। उन्होंने जिले में अपराधों की रोकथाम के लिए कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बड़े जिले बलरामपुर में एसपी के पद पर पदोन्नत किया गया।
आईएएस मोनिका रानी: मोनिका रानी ने अपनी पहली तैनाती फर्रुखाबाद में डीएम के रूप में की। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों के लिए कई योजनाओं को लागू किया और जिले के विकास को प्रोत्साहित किया। उनके प्रशासनिक कार्यों के आधार पर उन्हें प्रदेश के बड़े जिलों में पदोन्नति प्राप्त हुई।
आईएएस संजय कुमार सिंह: संजय कुमार सिंह ने भी फर्रुखाबाद में पहली बार डीएम के रूप में कार्य किया और प्रशासन के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। इसके बाद उन्हें बड़े जिले पीलीभीत में डीएम के रूप में तैनात किया गया।
आईएएस वीके सिंह: वीके सिंह ने भी अपनी पहली तैनाती फर्रुखाबाद में डीएम के रूप में की। उन्होंने जिले में कई महत्वपूर्ण विकास योजनाओं को लागू किया और बाद में प्रदेश के बड़े जिले मेरठ में डीएम के रूप में तैनाती मिली
फर्रुखाबाद जिला न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की राजनीति भी इसे एक अनोखा अनुभव बनाती है। यहां के नेताओं का जीवन सादगीपूर्ण होता है, जिससे अफसरों को बिना किसी राजनीतिक दबाव के अपने काम को बखूबी करने का अवसर मिलता है। यही कारण है कि यहां तैनात अधिकारी अपनी वास्तविक क्षमता को सामने लाने में सफल होते हैं और उन्हें बाद में बड़े जिलों में तैनात किया जाता है।
यही कारण है कि फर्रुखाबाद को एक ऐसा जिला माना जाता है जहां प्रशासनिक क्षमता की पहचान होती है और अधिकारियों को बिना किसी दबाव के काम करने का पूरा मौका मिलता है, जो उन्हें आगे बढ़ने की दिशा में मदद करता है।