फर्रुखाबाद: जनपद में प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे (link expressway) परियोजना को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों ने जिलाधिकारी को एक मांग पत्र सौंपते हुए इस परियोजना का विरोध जताया और इसे जनपद के लिए अनावश्यक बताया।किसानों ने आरोप लगाया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के चित्रकूट कट से शुरू होकर मैनपुरी, फर्रुखाबाद होते हुए हरदोई के रूपापुर में गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने वाले इस लिंक एक्सप्रेसवे के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिससे किसान परेशान हैं।
किसानो ने कहा कि फर्रुखाबाद पहले से ही राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 730C (लिपुलेख मार्ग) से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और नेपाल को जोड़ता है। यदि इस मार्ग को ही 4 या 6 लेन का कर दिया जाए, तो जनपद को किसी अतिरिक्त लिंक एक्सप्रेसवे की जरूरत नहीं है।वर्तमान में जमीन अधिग्रहण के लिए निर्धारित सर्किल रेट बहुत कम है। किसानों की मांग है कि सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी की जाए और चार गुना मुआवजा केवल कागजों पर नहीं बल्कि व्यावहारिक रूप में सुनिश्चित किया जाए।
पहले हुए सर्वे में एक्सप्रेसवे को गांवों से दूर ले जाने की योजना थी, लेकिन अब इसे गांवों के करीब से ले जाया जा रहा है, जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के विरुद्ध है। किसानों की मांग है कि पूर्व के नक्शे को ही लागू किया जाए।लिंक एक्सप्रेसवे में नीमकरौली, बरौन और गांधी गांव के पास जो कटिंग पॉइंट प्रस्तावित हैं, वहां से उतरने-चढ़ने के लिए जो मार्ग प्रस्तावित हैं, वे बहुत लंबी दूरी के हैं और उनके बीच की जमीन भी सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा रही है।
किसानों ने मांग की है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की तरह मुख्य मार्ग के समांतर ही उतरने-चढ़ने के रास्ते बनाए जाएं जिससे कम से कम भूमि अधिग्रहण हो।किसानों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस परियोजना को जनपद में लागू न किया जाए और यदि कोई योजना बनाई ही जाती है, तो उसमें किसानों की राय और हित को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने मांग पत्र का शीघ्र निस्तारण करने की अपील की है।