जलालाबाद कृषि उत्पादन मंडी समिति की दुर्दशा बनी किसानों की मुश्किल
जलालाबाद (शाहजहांपुर): किसानों (Farmers) की आय बढ़ाने और व्यापार (traders) को सुविधा देने के उद्देश्य से स्थापित की गई कृषि उत्पादन मंडी समिति जलालाबाद आज खुद अव्यवस्था, गंदगी और अनियमितताओं की शिकार हो चुकी है। बरसात के चलते मंडी परिसर में टूटी-फूटी सड़कों और जलनिकासी की बदहाली ने किसानों व आढ़तियों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं।
सब्जी मंडी हो या मुख्य परिसर—हर जगह गंदगी, कीचड़ और जलभराव का नजारा है। किसानों को अपने ट्रैक्टर और माल ले जाने में भारी दिक्कत हो रही है, वहीं आढ़ती लगातार प्रशासन से शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन समाधान दूर-दूर तक नहीं दिख रहा।
हर साल लाखों की वसूली, सुविधाएं नदारद
मंडी समिति द्वारा प्रति वर्ष लाखों रुपये का राजस्व आढ़तियों से वसूला जाता है, लेकिन बदले में न शौचालय, न जलनिकासी, न पक्की सड़कें, न ही व्यवस्थित पार्किंग—सिर्फ अव्यवस्था का बोलबाला है।बीते दिनों एसडीएम के निर्देश पर जेसीबी से कूड़ा-करकट हटाया गया, लेकिन वह केवल एक बार की कार्रवाई साबित हुई। बरसात के शुरू होते ही सभी अव्यवस्थाएं फिर सिर उठाने लगीं।
पंजीकरण विहीन आढ़तियों से सरकार को नुकसान
मंडी में रजिस्टर्ड से कहीं अधिक अनरजिस्टर्ड आढ़ती धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। इससे सरकार को हर साल राजस्व का नुकसान हो रहा है, लेकिन मंडी सचिव और स्थानीय प्रशासन ने अब तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।वहीं बिना अनुमति के खाद्य पदार्थों की रेहड़ियां भी मंडी में लगा दी जाती हैं, जिससे गंदगी और झगड़ों की स्थिति बनती है। व्यापारियों और ठेलेवालों में कई बार झड़प तक हो चुकी है, लेकिन मंडी प्रशासन मौन बना हुआ है।
GST चोरी का हो सकता है बड़ा खुलासा
यदि मंडी समिति के अंदर एक बार पंजीकृत और अपंजीकृत आढ़तियों की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो जीएसटी चोरी के बड़े मामले सामने आ सकते हैं।हालांकि पूर्व मंडी प्रभारी राजीव रंजन का कहना है कि जीएसटी की जिम्मेदारी मंडी समिति की नहीं बल्कि जीएसटी विभाग की है।
विधायक हरिप्रकाश वर्मा ने दिए कड़े निर्देश
मंडी की अव्यवस्था और ठेलेवालों से अवैध वसूली की शिकायत जब विधायक हरिप्रकाश वर्मा के पास पहुंची तो उन्होंने तुरंत मंडी सचिव को तलब किया, लेकिन उनकी जगह पूर्व प्रभारी राजीव रंजन पहुंचे।विधायक के तीखे सवालों का जबाव न मिलने पर उन्होंने स्पष्ट कहा ठेलेवालों से अवैध वसूली करने वालों की पहचान कर एफआईआर दर्ज कराई जाए। जल्द से जल्द मंडी परिसर में कैंटीन का टेंडर कराया जाए, जिससे किसानों और व्यापारियों को सुविधा मिल सके।