शमशाबाद (फर्रुखाबाद): बाढ़ से तबाह हुए किसानों की दुर्दशा को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) (अराजनैतिक) ने मोर्चा खोल दिया है। किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर भाकियू के प्रतिनिधिमंडल ने सिटी मजिस्ट्रेट फर्रुखाबाद (City Magistrate Farrukhabad) से मुलाकात की और जिलाधिकारी को संबोधित चार सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो संगठन को आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
भाकियू ने ज्ञापन में कहा है कि नवीन उपमंडी शमशाबाद में धान और मक्का की खरीद तत्काल शुरू की जाए। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि मक्का और बाजरा जैसी फसलों की खरीद पहले होती रही है, लेकिन इस बार खरीद पर रोक जैसी स्थिति है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
भाकियू नेताओं ने बताया कि हालिया बाढ़ ने क्षेत्र में भयंकर तबाही मचाई है। किसानों की हजारों-लाखों की लागत से तैयार फसलें पानी में बह गईं। कई गरीब किसानों के मकान, जमीन और खेत पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।
ज्ञापन में मांग की गई कि
बाढ़ पीड़ित किसानों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए।
निशुल्क खाद और बीज उपलब्ध कराए जाएं ताकि अगली फसल की तैयारी हो सके।
क्षेत्रीय लेखपालों द्वारा मौके पर जांच कर उचित रिपोर्ट तैयार कराई जाए।
प्रशासन की अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी
भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो संगठन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को विवश होगा। उन्होंने साफ किया कि अगर किसानों के धैर्य का बाँध टूटा, तो किसी भी तरह की अव्यवस्था के लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होगा। इस मौके पर भाकियू अराजनैतिक गुट के जिला महासचिव संजय गंगवार, प्रदेश अध्यक्ष राम बहादुर राजपूत, रामबरन यादव, बृजेश राजपूत, रंजीत यादव सहित कई पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि किसानों के हक की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ी जाएगी।