लखनऊ| राजधानी में फर्जी मार्कशीट के बड़े खुलासे ने एक बार फिर महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी स्कूल में नौकरी पाने के लिए लगाए गए इस विश्वविद्यालय के नाम की एक मार्कशीट जांच में फर्जी पाई गई, जिसके बाद पूरे मामले की परतें खुलती चली गईं। गोमतीनगर थाने की पुलिस और पूर्वी जोन क्राइम टीम की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी मार्कशीट गिरोह के मास्टरमाइंड अयोध्या के पूरा कलंदर निवासी सत्येंद्र द्विवेदी, उन्नाव के बीघापुर निवासी अखिलेश कुमार और लखीमपुर खीरी के ईशानगर निवासी सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से 923 फर्जी मार्कशीट, डिग्री और इन्हें तैयार करने का पूरा सामान बरामद हुआ है।
गिरफ्तारी के बाद जांच में देश के 25 विश्वविद्यालयों के नाम सामने आए हैं, जिनमें महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय भी शामिल है। यह दूसरी बार है जब इस विश्वविद्यालय का नाम मार्कशीट फर्जीवाड़े में सुर्खियों में आया है। इससे पहले वर्ष 2024 में मेरठ के लावड़ा स्थित राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद के लिए लगाए गए प्रमाणपत्र के सत्यापन के दौरान इसी विवि की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। उस समय भी कॉलेज प्रशासन द्वारा आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया था।
मामला तब और गंभीर हो गया था जब तत्कालीन राज्य सूचना आयुक्त ने मौके पर सत्यापन कर मार्कशीट को फर्जी करार दिया और विवि के रिकॉर्ड में संबंधित छात्र का कोई विवरण नहीं मिला। विश्वविद्यालय ने भी ऐसी किसी मार्कशीट के जारी होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था। अब ताजा मामले में पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2021 से अब तक करीब 1500 छात्रों को फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बेची जा चुकी हैं। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कई अभ्यर्थियों ने सरकारी और निजी नौकरियों में आवेदन किया होगा, और कुछ की नियुक्ति भी हो चुकी हो सकती है।
फिलहाल पुलिस गिरोह से जुड़े तीन अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। इस पूरे प्रकरण ने न केवल फर्जीवाड़े के बड़े नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली, जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच आगे बढ़ने के साथ और बड़े खुलासों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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