मूर्ति चोरी, सूदखोरी, अवैध दुकान और वसूली का काला साम्राज्य बेनकाब
कमालगंज: जो खुद को पत्रकार (journalist) बताकर समाज में सम्मान बटोरने की कोशिश करता रहा, उसका असली चेहरा अब कानून और समाज के सामने आ चुका है। अमित तिवारी पुत्र छोटेलाल तिवारी, निवासी मोहल्ला अशोक नगर, कमालगंज, एक संगठित अपराधी निकला है।
वह मूर्ति चोरी जैसे निंदनीय अपराध में जेल जा चुका है, और पुलिस द्वारा मूर्ति की बरामदगी भी हो चुकी है, जिससे उसके अपराध की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती अमित तिवारी कमालगंज थाना का घोषित हिस्ट्रीशीटर है, जिसका नाम थाने के बड़े बोर्ड पर 75वें नंबर पर दर्ज है, और उस पर गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत 212A में मुकदमा दर्ज है।
अमित तिवारी समृद्धि न्यूज़ अखबार का कार्ड और नाम लेकर खुद को पत्रकार बताता है, और पत्रकारिता की आड़ में पूरे क्षेत्र में धौंस जमाकर अवैध वसूली करता है। वह दुकानदारों, व्यापारियों और आम जनता को डराकर उनसे बसूली करता है, और असहमति जताने वालों को बदनाम करने की धमकी देता है। जांच में सामने आया है कि अमित तिवारी बिना जीएसटी नंबर के अवैध रूप से सोने चांदी का व्यापार करता है।
उसकी दुकान कानूनी रूप से पंजीकृत नहीं है और न ही वह किसी प्रकार का कर अदा करता है। यह दुकान कालेधन को सफेद करने और सूदखोरी की कमाई को छिपाने का जरिया बनी हुई है।अमित तिवारी का एक और काला कारोबार है गैरकानूनी रूप से सूद पर पैसा देना। वह मजबूर लोगों को ऊंची दरों पर ब्याज पर पैसा देता है और फिर मूल से कई गुना वसूली करता है।
उसकी धमकियों से परेशान लोग थाने में जाने से डरते हैं क्योंकि वह खुद को पत्रकार बताकर पुलिस तंत्र पर प्रभाव जमाता है। क्या वजह है कि एक घोषित हिस्ट्रीशीटर, जो सार्वजनिक रूप से अवैध कारोबार, वसूली और समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है, आज तक खुला घूमता रहा? क्या उसके तथाकथित ‘पत्रकार’ होने का दिखावा, उसकी असली ढाल बन गया था?अब जबकि उसका चोर और अपराधी चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है, जनता का गुस्सा फूट रहा है। लोगों की मांग है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत तत्काल कार्रवाई हो।