फर्रुखाबाद: जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र, Farrukhabad द्वारा निवेशकों (Investors) एवं उद्यमियों के लिए निर्यात प्रोत्साहन आउटरीच सत्र का आयोजन सोमवार को मधुर मिलन गेस्ट हाउस, फर्रुखाबाद में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं निर्यातकों के स्वागत उपरांत किया गया। इस अवसर पर लगभग 65 निर्यातक इकाइयों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में वी.के. वर्मा, संयुक्त निदेशक एमएसएमई मंत्रालय, आलोक श्रीवास्तव, भारतीय निर्यात संगठन महासंघ एवं उपायुक्त उद्योग सूर्य प्रकाश यादव मौजूद रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में नीरज, सहायक निदेशक एमएसएमई द्वारा भारत सरकार की निर्यातक इकाइयों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके बाद उपायुक्त उद्योग सूर्य प्रकाश यादव ने निर्यातक इकाइयों से सुझाव लिए और नीतियों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। तत्पश्चात् सहायक आयुक्त उद्योग मोहम्मद आजम खान ने उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति-2025 पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
आलोक श्रीवास्तव ने एमएसएमई निवेशकों को निर्यात प्रक्रिया, प्रोत्साहन योजनाओं, वित्तीय सहायता, गुणवत्ता मानकों और लॉजिस्टिक सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान फर्रुखाबाद के पारंपरिक उत्पादों—जैसे जरी जरदोजी, ब्लॉक प्रिंटिंग, आलू उत्पादन, फर्रुखाबादी नमकीन एवं हस्तशिल्प उत्पादों—को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए गए।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के ‘वन ट्रिलियन इकॉनमी’ के लक्ष्य में निर्यात इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उपस्थित उद्यमियों को विकसित भारत के सपने को साकार करने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में सहायक आयुक्त उद्योग सोनाली सिंह ने सभी निर्यातकों एवं अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित कर सत्र का समापन किया।


