– एम्स में EMPART-2025 1 से 3 अगस्त तक
– उत्तर प्रदेश में पीडियाट्रिक इमरजेंसी चिकित्सा की दिशा में ऐतिहासिक पहल
– पीडियाट्रिक इमरजेंसी पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बने – डॉ अजय सिंह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने पीडियाट्रिक इमरजेंसी चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (डॉ. आरएमएलआईएमएस), लखनऊ में देश का अब तक का सबसे बड़ा पीडियाट्रिक इमरजेंसी सम्मेलन (Emergency Medicine Conference) EMPART-2025 आज से शुरू हुआ। यह आयोजन 1 से 3 अगस्त तक चलेगा और इसे INDUSEM तथा Academic College of Emergency Experts in India (ACEE-India) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह में देशभर से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। AIIMS Delhi, भोपाल, जोधपुर, रायपुर, यूसीएमएस, लेडी हार्डिंग, सीएमसी वेल्लोर और जेआईपीएमईआर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
सम्मेलन के पहले ही दिन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी भागीदारी की। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पीडियाट्रिक इमरजेंसी मेडिसिन चेयरपर्सन डॉ. प्रशांत महाजन, अमेरिका से डॉ. आमी शाह और टेक्सास से डॉ. शॉभित जैन ने कीनोट व्याख्यान दिए और सिमुलेशन आधारित कार्यशालाएँ संचालित कीं। डॉ. महाजन ने कहा कि पीडियाट्रिक इमरजेंसी चिकित्सा किसी भी सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली की आधारशिला होती है और बच्चों की जान बचाने के लिए समय-संवेदनशील तकनीकों का प्रशिक्षण अनिवार्य है।
डॉ. आमी शाह ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के लिए पूरी तरह तैयार है, और EMPART जैसे आयोजन चिकित्सकों को कौशल के साथ आत्मविश्वास भी प्रदान करते हैं। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव एवं इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पीडियाट्रिक इमरजेंसी मेडिसिन चैप्टर की महासचिव डॉ. नेहा राय ने किया। डॉ. सागर गालवनकर (सीईओ, INDUSEM) ने EMPART-2025 को अब तक का सबसे संगठित और सहभागिता से भरपूर सम्मेलन बताया।
शुभारंभ समारोह में डॉ. सी.एम. सिंह (निदेशक, डॉ. आरएमएलआईएमएस), डॉ. अजय सिंह, डॉ. संजीव मिश्रा, डॉ. प्रद्युम्न सिंह (डीन), डॉ. प्रेरणा, डॉ. ए.के. गोयल और डॉ. दीप्ति अग्रवाल जैसे विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर IAP-PEM अध्याय का आधिकारिक न्यूज़लेटर भी जारी किया गया।
डॉ. सी.एम. सिंह ने सम्मेलन को पीडियाट्रिक इमरजेंसी प्रशिक्षण व अनुसंधान के एक केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ. अजय सिंह ने चिकित्सा शिक्षा में पीडियाट्रिक इमरजेंसी को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाए जाने पर बल दिया। डॉ. संजीव मिश्रा ने इस क्षेत्र में प्रारंभिक और संरचित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि देशभर में बाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए यह कदम आवश्यक है। उन्होंने आयोजन की प्रशंसा करते हुए डॉ. नेहा राय को इस ऐतिहासिक भूमिका के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने यह भी साझा किया कि वे बाल आघात पुनर्जीवन मॉड्यूल हेतु दिशा-निर्देश विकसित कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ICMR द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
EMPART-2025 का प्रथम दिवस नवाचार, प्रशिक्षण और सामूहिक सहभागिता से परिपूर्ण रहा। प्रतिभागियों ने एयरवे मैनेजमेंट, डिफिब्रिलेशन और सिमुलेशन-आधारित पुनर्जीवन जैसे व्यावहारिक सत्रों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। आगामी दो दिनों में यह सम्मेलन और भी गहन शैक्षणिक चर्चाओं, कार्यशालाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में पीडियाट्रिक इमरजेंसी चिकित्सा को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।