नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) की बैठक में कुल 18,541 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन फैसलों को देश के बुनियादी ढांचे, ऊर्जा उत्पादन और तकनीकी क्षेत्र के विस्तार के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पहला बड़ा फैसला सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को लेकर हुआ।
कैबिनेट ने देश में चार नए सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिन पर लगभग 4,594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये परियोजनाएं ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएंगी। सरकार का मानना है कि इन इकाइयों के शुरू होने से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
दूसरा अहम निर्णय लखनऊ मेट्रो के विस्तार को लेकर लिया गया। कैबिनेट ने 5,801 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले लखनऊ मेट्रो के फेज वन-बी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस चरण में शहर के कई महत्वपूर्ण इलाकों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे यातायात दबाव कम होगा और यात्रियों को तेज, सुरक्षित व प्रदूषण-मुक्त यात्रा का विकल्प मिलेगा।
तीसरा और सबसे महंगा प्रोजेक्ट ‘क्लीन ग्रोथ: टाटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना’ है, जिसकी लागत 8,146 करोड़ रुपये है। यह परियोजना 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। सरकार का कहना है कि यह नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन घटाने में भी मदद करेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन तीनों फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि ये परियोजनाएं आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।