कुंवर कलेवा की रस्म में दूल्हे की शारीरिक अक्षमता पर संदेह से बढ़ा विवाद, पुलिस हस्तक्षेप के बाद बिना दुल्हन लौटी बारात
फर्रुखाबाद, नवाबगंज: नवाबगंज नगर (Nawabganj Nagar) में एक अनोखा मामला सामने आया जहां सात फेरे पूरे होने के बावजूद दुल्हन (bride) ने दूल्हे के साथ विदाई से इनकार कर दिया। ‘कुंवर कलेवा’ की रस्म के दौरान दूल्हे की शारीरिक स्थिति पर उठे संदेह ने विवाद को इतना बढ़ा दिया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई।
घटना नवाबगंज नगर की है। एटा जिले के राजा रामपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक की शादी नवाबगंज की एक युवती से तय हुई थी। शुक्रवार को बारात धूमधाम से नवाबगंज पहुंची। रातभर सभी रस्में शांति से संपन्न हुईं और सुबह दूल्हा-दुल्हन ने मंडप में सात फेरे भी लिए।
विवाद ‘कुंवर कलेवा’ की रस्म के दौरान उत्पन्न हुआ। वधू पक्ष ने परंपरा के अनुसार दूल्हे को जमीन पर बैठने के लिए कहा, जिस पर वर पक्ष ने दूल्हे के पैर में चोट होने का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। इसी बात ने वधू पक्ष के मन में दूल्हे की शारीरिक अक्षमता को लेकर संदेह पैदा कर दिया। वधू पक्ष ने आरोप लगाया कि दूल्हे की दिव्यांगता की जानकारी उनसे छुपाई गई है। इसी आधार पर दुल्हन ने विदाई से साफ इनकार कर दिया।
स्थिति बिगड़ने पर वर पक्ष ने इस संबंध में नवाबगंज थाने में तहरीर दी। पुलिस टीम वधू पक्ष के घर पहुंची और दोनों पक्षों से पूछताछ की। वर पक्ष ने वधू पक्ष पर आरोप लगाया कि वे शादी में दिए गए कपड़े, जेवर और अन्य सामान अपने पास रखे हुए हैं। साथ ही शादी के नाम पर 52 हजार रुपये लेने का भी आरोप लगाया गया।
पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन दुल्हन अपने निर्णय पर अडिग रही। उसने स्पष्ट कहा कि वह दूल्हे के साथ नहीं जाएगी और अपने परिजनों के साथ ही रहना चाहती है। काफी मान-मनौव्वल और बातचीत के बाद अंततः दोनों पक्षों के बीच लेनदेन को लेकर समझौता हुआ। एक-दूसरे का सामान वापस कराया गया और बारात बिना दुल्हन के ही एटा के लिए रवाना हो गई।
थाना प्रभारी अवध नारायण पांडे ने बताया कि युवती ससुराल जाने को तैयार नहीं हुई, जिसके चलते दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से लेनदेन का सामान वापस कर दिया और मामला शांत हो गया।


