लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने अब तमिलनाडु (Tamil Nadu) और पुडुचेरी (Puducherry) के क्षेत्र स्तरीय निर्वाचन पदाधिकारियों को तमिल भाषा में प्रशिक्षण देने का एक और अभूतपूर्व कदम उठाया है। आईआईआईडीईएम, दिल्ली में इस मिश्रित-बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 264 बीएलओ पर्यवेक्षकों, 14 ईआरओ, 2 डीईओ और अन्य अधिकारियों सहित 293 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
अपने उद्घाटन अभिभाषण में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बीएलओ मतदाताओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रथम प्रतिनिधि (प्दजमतिंबम) हैं और सही और अद्यतन निर्वाचक नामावली सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके साथ ही, पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आईआईआईडीईएम में आयोजित किए जा रहे गहन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लगभग 2,300 प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं। आज प्रारंभ हुआ यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले कुछ वर्षों में देश में 1 लाख से अधिक बीएलओ सहित सभी स्तरों पर निर्वाचन पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने के व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम के क्रम में है।
बीएलओ पर्यवेक्षकों को फॉर्म 6, 7 और 8 सहित विभिन्न फॉर्मों को सही ढंग से भरने के लिए संवादात्मक सत्रों (पदजमतंबजपअम ैमेपवदे), रोल प्ले के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण मॉड्यूल में आईटी समाधानों के उपयोग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। इन बीएलओ पर्यवेक्षकों को अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करने के लिए विधान सभा स्तर के मास्टर ट्रेनर के रूप में सक्षम बनाया जा रहा है।
प्रतिभागियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 (क) के तहत जिला मजिस्ट्रेट (डीएम या समकक्ष रैंक के अधिकारी) और धारा 24 (ख) के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ अंतिम प्रकाशित निर्वाचक नामावली के खिलाफ प्रथम और द्वितीय अपील के प्रावधानों से भी अवगत कराया गया।
यह स्मरणीय है कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यकलाप के पूरा होने के बाद 06-10 जनवरी, 2025 तक तमिलनाडु और पुडुचेरी से कोई अपील दायर नहीं की गई थी।