– शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती करेंगे सम्मान,
– चांदी के पन्नों पर दर्ज होगी गौरवगाथा
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को गौमाता (mother cow) को “राजमाता” (Rajmata) का दर्जा देने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए विशेष सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा प्रदान किया जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि “गौमाता को राजमाता घोषित करना केवल एक राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक कदम है।
यह काम भारत सरकार को करना चाहिए था, जिसे एकनाथ शिंदे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पूरा किया।” भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की 101वीं जयंती के अवसर पर एकनाथ शिंदे का नाम स्वर्णाक्षरों में चांदी के पन्नों पर लिखा जाएगा। यह सम्मान मुंबई में एक विशेष कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।
बताते चलें कि शंकराचार्य वर्तमान में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहे हैं। इसके तहत 33 करोड़ गौ-प्रतिष्ठा महायज्ञ भी जारी है। उन्होंने बताया कि भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में वृषभ की आकृति है और नए संसद भवन में सबसे पहले गौमाता की प्रतीकात्मक मूर्ति ने ही प्रवेश किया था। स्वामीजी ने कहा कि “गौहत्या की अनुमति और गोमांस की बिक्री संसद भवन जैसे पवित्र स्थान के मूल विचार के विपरीत है। जब तक पूरे देश में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं दिया जाएगा, अभियान जारी रहेगा।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने चांदी के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों से एक विशेष पुस्तक बनवाई है, जिसमें सबसे पहले अपने गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का नाम लिखा। अब उसी पुस्तक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम जोड़ा जाएगा। शंकराचार्य ने धर्म की रक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि “गाय बचेगी तो सनातन धर्म बचेगा। विधर्म और पाखंड से धर्म को अलग करना जरूरी है। धर्म केवल दिखावे से नहीं, सच्चे आचरण से जीवित रहेगा।” कार्यक्रम का आयोजन बोरीवली स्थित कोरा केंद्र पर चल रहे चातुर्मास्य महा-महोत्सव के अंतर्गत किया गया।