लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लाला जुगल किशोर लिमिटेड (Lala Jugal Kishore Limited) की लगभग 250 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की है। ये संपत्तियाँ कथित तौर पर रोहतास समूह के साथ मिलीभगत करके खरीदी गई थीं, जिस पर हज़ारों निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, ज़ब्त की गई संपत्तियों में लखनऊ के सुल्तानपुर रोड, सीतापुर रोड और बाराबंकी रोड पर स्थित पाँच प्रमुख भूखंड शामिल हैं। इनमें से एक भूखंड पर आंशिक रूप से फ्लैट बने हुए हैं। जाँचकर्ताओं ने खुलासा किया कि 2019 में रोहतास समूह के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम की कार्यवाही से ठीक पहले, समूह ने ये संपत्तियाँ लाला जुगल किशोर लिमिटेड को मात्र 18-20 करोड़ रुपये में बेच दी थीं, जबकि उस समय इनका बाजार मूल्य लगभग 125-150 करोड़ रुपये था।
जाँच में यह भी पता चला कि इस लेन-देन में 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि नकद में दी गई थी – जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक गंभीर उल्लंघन है। ईडी की कार्रवाई के बाद, ज़ब्त की गई संपत्तियों का वर्तमान अनुमानित मूल्य बढ़कर 250 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि रोहतास समूह और लाला जुगल किशोर लिमिटेड के बीच गठजोड़ से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएँ हुईं। ईडी ने अब इन संपत्तियों को औपचारिक रूप से ज़ब्त कर लिया है और मामले से जुड़ी और संपत्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, कंपनी पर स्टांप शुल्क चोरी से संबंधित अलग से भी आरोप लग सकते हैं।
गौरतलब है कि सितंबर में, ईडी ने रोहतास समूह से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 248 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले के सबूत मिले थे। समूह के निदेशक – पीयूष रस्तोगी, परेश रस्तोगी और दीपक रस्तोगी – फिलहाल फरार हैं। अब तक निवेशकों द्वारा रोहतास समूह के खिलाफ 80 से ज़्यादा एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। ईडी के साथ-साथ, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा और लखनऊ पुलिस ने भी करोड़ों रुपये की संपत्ति ज़ब्त की है। अधिकारियों का अनुमान है कि समूह ने निवेशकों से कुल 500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी की है।


