नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने इंदुभूषण हलदर उर्फ दुल्लाल को आज़ाद हुसैन से जुड़े एक मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार (arrests) किया है। आज़ाद हुसैन एक पाकिस्तानी नागरिक है जो ‘आजाद मलिक’ के नाम से फर्जी पहचान रखता था। हलदर को कोलकाता के बिचार भवन स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने आगे की जाँच के लिए ईडी को पाँच दिनों की हिरासत में दे दिया। ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी अधिनियम के तहत आज़ाद मलिक के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपनी जाँच शुरू की।
जाँच से पता चला कि आज़ाद हुसैन, एक पाकिस्तानी नागरिक, ‘मोना मलिक के बेटे आज़ाद मलिक’ की छद्म पहचान के तहत भारत में अवैध रूप से रह रहा था। वह पैसे के बदले बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों के लिए धोखाधड़ी से भारतीय पहचान पत्र प्राप्त करने में शामिल था। हुसैन को 15 अप्रैल, 2025 को गिरफ्तार किया गया और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
ईडी की जाँच में यह भी पता चला कि हुसैन भारतीय पासपोर्ट चाहने वाले बांग्लादेशी ग्राहकों को नादिया के चकदाह निवासी इंदुभूषण हलदर के पास भेजता था। हलदर ने इन नागरिकों के आवेदनों के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार करके, जिससे अपराध से आय अर्जित होती थी, इन नागरिकों के लिए भारतीय पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हलदर, आज़ाद मलिक के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से, अब तक लगभग 250 मामलों में अवैध तरीकों से पासपोर्ट बनवाने में शामिल रहा है।कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत और कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर उसकी अग्रिम ज़मानत याचिकाएँ, दोनों ही खारिज कर दी गईं। 2025 में आज़ाद हुसैन के खिलाफ पीएमएलए के तहत एक अभियोजन शिकायत पहले ही दायर की जा चुकी है। मामले की आगे की जाँच जारी है।


