महोबा: पवा गांव में बुधवार को एक दुखद घटना सामने आई। मतदाता सूची प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) में लगे सहायक बीएलओ और प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र शंकर लाल राजपूत (53) ने मानसिक तनाव के चलते कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी। मृतक पिछले दो दिनों से घर से लापता चल रहा था।
परिजनों ने बताया कि जब से शंकर लाल को एसआईआर प्रक्रिया में ड्यूटी लगाई गई थी, तब से वह मानसिक रूप से परेशान थे। काम के दौरान अधिकारियों का दबाव और जिम्मेदारी उन्हें भारी पड़ रही थी। भतीजे जीतेंद्र कुमार ने कहा कि इसी तनाव के कारण चाचा ने यह आत्मघाती कदम उठाया। घटना से मृतक की पत्नी तारादेवी सदमे में हैं। शंकर लाल के पांच संतानें हैं—चार बेटियां पूजा, सोनम, नीलम और कंचन तथा चार साल का बेटा राजवीर। बताया गया कि बेटी नीलम की गर्मियों में शादी तय थी।
शिक्षामित्र संगठन आदर्श वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विमल त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षामित्रों को सहायक बीएलओ बनाने से मानसिक दबाव बढ़ गया, क्योंकि उन्हें इस कार्य के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं मिला था। उन्होंने मृतक के परिवार को सहायता राशि देने की मांग की है।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सदर उपजिलाधिकारी शिवध्यान पाण्डेय ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने कहा कि सभी बूथ लेवल अधिकारियों और उनके सहायकों को संयम और मानसिक स्वतंत्रता के साथ काम करने की अपील की गई है। मृतक की पहचान गांव के शिक्षामित्र के रूप में हुई है और उनके सहयोगी फार्म भरने और मतदाताओं को जागरूक करने के कार्य में जुटे हुए थे। यह घटना एसआईआर कार्य से जुड़े कर्मचारियों पर बढ़ते मानसिक दबाव और चुनौतियों पर चिंता बढ़ा रही है।


