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Saturday, October 25, 2025

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने डॉ. विश्वनाथ डी. कराड को 7वें दीक्षांत समारोह में ‘गवर्नर अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस’ से किया सम्मानित

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नई दिल्ली: शिक्षा और वैश्विक शांति के क्षेत्र में उनके आजीवन योगदान की सराहना करते हुए, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) के संस्थापक-अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड (Dr. Vishwanath D. Karad) को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस द्वारा “गवर्नर अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस” से सम्मानित किया गया।

पुणे में आयोजित एमआईटी-डब्ल्यूपीयू के 7वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राज्यपाल डॉ. बोस ने कहा, “हर महान उपलब्धि एक दृष्टि से शुरू होती है, जिसे कर्म में परिवर्तित करना आवश्यक है। दृष्टि बिना कर्म के व्यर्थ है और कर्म बिना दृष्टि के दिशाहीन।”

शिक्षा की शक्ति पर बल देते हुए उन्होंने कहा, “शिक्षा का अर्थ है मुक्ति, सशक्तिकरण और समृद्धि। विद्यार्थियों को जीवन भर सीखते रहने की भावना रखनी चाहिए और ज्ञान का उपयोग समाज परिवर्तन के साधन के रूप में करना चाहिए।”

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के 7वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 6,837 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 114 स्वर्ण, 103 रजत और 103 कांस्य पदक दिए गए, जबकि 37 शोधार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। सुश्री श्वेता राजश्री अय्यर और सुश्री वेदांगी गणेश पाटकर को क्रमशः संस्थापक अध्यक्ष पदक और कार्यकारी अध्यक्ष पदक से सम्मानित किया गया।

राज्यपाल डॉ. बोस ने प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड की प्रशंसा करते हुए कहा, “वे एक दूरदर्शी नेता हैं जिन्होंने अपने विचारों को कर्म के माध्यम से वास्तविकता में बदला। वर्ल्ड पीस डोम इस बात का प्रतीक है कि दृष्टि और कर्म का संगम किस तरह परिवर्तनकारी परिणाम दे सकता है। डॉ. कराड का जीवन और कार्य शिक्षा, शांति और मानवीय मूल्यों की प्रेरणादायक मिसाल है।”

इस अवसर पर प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड ने कहा, “यह दीक्षांत समारोह केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि शांति और सद्भाव के हमारे मिशन की पुनर्पुष्टि है। आज के अनिश्चित और अशांत विश्व में सच्ची शिक्षा वही है जो विज्ञान, अध्यात्म और दर्शन को एक सूत्र में पिरोकर जागरूक मस्तिष्क और करुणामय हृदय का निर्माण करे। इसी समन्वय से हम समझ, आत्मचिंतन और स्थायी शांति पर आधारित संसार का निर्माण कर सकते हैं।”

विशेष अतिथि प्रो. डॉ. राम चरण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन ‘डे ज़ीरो’ है — आपके असली सफर की शुरुआत। अब तक आपके शिक्षक और कक्षाएं आपका मार्गदर्शन कर रही थीं, अब पूरी दुनिया आपका विश्वविद्यालय है। हर दिन कुछ नया सीखें, अपने जीवन का उद्देश्य खोजें, संबंध बनाएं, विश्वास अर्जित करें और मूलभूत सिद्धांतों में निपुणता हासिल करें। सफलता और संतोष उन्हें ही मिलता है जो अपने मन, चरित्र और कौशल को निरंतर विकसित करते रहते हैं।”

एमआईटी-डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राहुल वी. कराड ने समारोह के समापन पर सभी अतिथियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “सभी स्नातकों, स्वर्ण पदक विजेताओं और पुरस्कार प्राप्त करने वालों को हार्दिक बधाई। आज का दिन आपकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। हम माननीय राज्यपाल, हमारे कुलाध्यापक, संकाय सदस्यों और अभिभावकों के प्रति आभारी हैं। प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड के दूरदर्शी नेतृत्व में, एमआईटी-डब्ल्यूपीयू ने विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान प्रदान किया है बल्कि मूल्यों, समालोचनात्मक सोच और समस्या समाधान की भावना भी विकसित की है। आप सभी से अपेक्षा है कि समाज की प्रगति, शांति और बेहतर विश्व निर्माण में अपने ज्ञान का सार्थक उपयोग करें।”

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