– मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
गोरखपुर। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, जटाशंकर, गोरखपुर द्वारा वाराणसी के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक एवं समाजसेवी डॉ. मनोज कुमार तिवारी को समाज में उनके द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए स्मृति चिन्ह एवं पुष्प भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने डॉ. तिवारी के प्रयासों को समाज के लिए प्रेरणादायी बताया। विदित हो कि डॉ. तिवारी पिछले 25 वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में निरंतर जागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं और समाचार माध्यमों में 75 से अधिक लेख प्रकाशित किए हैं, जिनमें मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और आत्महत्या रोकथाम जैसे गंभीर विषयों को सरल व प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
डॉ. तिवारी द्वारा समय-समय पर उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी बल, सीआरपीएफ, आरपीएफ, एनडीआरएफ, दिव्यांगजन, गरीब बच्चों, महिलाओं, विद्यार्थियों एवं बंदीजनों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविरों का निःशुल्क आयोजन किया जाता रहा है।
उनकी विशेषताओं में यह भी उल्लेखनीय है कि परामर्श के माध्यम से उन्होंने न केवल लाखों लोगों के तनाव को प्रबंधित किया है, बल्कि सैकड़ों लोगों को आत्महत्या की कगार से वापस लाकर नया जीवन देने का कार्य किया है।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. मनोज तिवारी ने कहा –
“समाज के प्रति प्रत्येक व्यक्ति का उत्तरदायित्व है। यदि हम सभी मिलकर सामाजिक उत्थान में अपनी भूमिका निभाएं, तभी एक विकसित और संवेदनशील राष्ट्र का निर्माण संभव है।”
इस अवसर पर डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. प्रियंका वर्मा, डॉ. पूजा शुक्ला, डॉ. रत्नाकर शुक्ला, डॉ. मनोरमा सिंह, डॉ. देवीना वाचस्पति, डॉ. अश्वनी राय, डॉ. उपकार किशोर अग्रहरी, डॉ. हरिशरण, डॉ. अमरेंद्र मोहन मिश्रा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
सम्मान समारोह के उपरांत डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, मनीष कुमार सिंह, पवन कुशवाहा, संजय भगत, आशुतोष सिंह, प्रिंस कुमार मिश्रा, गौरव पांडेय, शिवम उपाध्याय समेत बड़ी संख्या में लोगों ने डॉ. तिवारी को शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ दीं।
यह सम्मान न केवल डॉ. तिवारी की वर्षों की तपस्या का प्रतीक है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने की दिशा में एक प्रेरणास्रोत भी है। ऐसे प्रयासों से निश्चित ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।