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Friday, September 5, 2025

जीएसटी में कमी से बढ़ेगी घरेलू मांग, ईएमआई फाइनेंसिंग होगी मजबूत

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Home Credit India के सीईओ श्री विवेक सिंह ने हाल ही में GST को सुसंगत बनाने के कदम का स्वागत किया है। जो टैक्स स्लैब को सरल बनाता है और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करता है, एक बहुत ही प्रगतिशील और समय पर किया गया सुधार है। यह हमारी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में उपभोग को काफ़ी बढ़ावा देगा और उसका समर्थन करेगा।

इस कदम से मध्यम वर्ग के परिवारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जहाँ आय का एक बड़ा हिस्सा दैनिक ज़रूरतों पर ख़र्च होता है। पैकेज्ड फ़ूड, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और किचन के सामान जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों पर जीएसटी को 5% के दायरे में लाने से, परिवारों के मासिक ख़र्चों में सीधे तौर पर कमी आएगी। हमें उम्मीद है कि इससे मुद्रास्फीति में एक फीसदी से भी अधिक कमी आएगी।

उपभोक्ता के स्तर पर, हमें दोहरा असर दिखने की उम्मीद है। कम क़ीमतों से फ़ास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी), ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स पर ख़र्च बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, परिवार अपनी बचत का कुछ हिस्सा मज़बूत वित्तीय कोष बनाने के लिए भी चुन सकते हैं। ठीक त्योहारी सीजन से पहले किए गए इस सुधार का समय, विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

यह उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और होम अप्लायंस से लेकर दोपहिया वाहनों तक की ख़रीद की मांग को बढ़ाएगा, ये वो श्रेणियाँ हैं जहाँ हमारी ईएमआई फ़ाइनेंसिंग की अहम भूमिका है। होम क्रेडिट इंडिया के लिए, यह किफायती और पारदर्शी फ़ाइनेंसिंग साल्यूशन्स की मज़बूत मांग का संकेत देता है, जो परिवारों को उनकी आवश्यक और आकांक्षी दोनों ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है।

तत्काल होने वाले लाभों के अलावा, यह सुधार उद्योगों को प्रोत्साहित करने और वित्तीय समावेशन को मज़बूत करने में एक शक्तिशाली मल्टीप्लायर प्रभाव डालेगा। यह जीएसटी को तर्कसंगत किया जाना सिर्फ एक टैक्स सरलीकरण से कहीं ज़्यादा है; यह लंबी अवधि के आर्थिक विकास का एक उत्प्रेरक है जो उपभोक्ताओं को सशक्त बनाता है और वित्तीय ईकोसिस्टम को मज़बूत करता है।

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