जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, नौकाविहार और पर्यटक सुविधाओं पर हुआ मंथन
अमृतपुर (फर्रुखाबाद)। तहसील क्षेत्र के नगला हूसा गांव स्थित ऐतिहासिक कुठला झील के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास की संभावनाओं को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने झील के संरक्षण और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और झील की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि यदि झील में नौकाविहार, बैठने की सुविधाएं और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र आदि विकसित किए जाएं तो यह स्थान एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सकता है।
झील के भीतर भारी मात्रा में जलकुंभी देखी गई, जिसे हटाने के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलकुंभी न केवल जलजीवों के लिए हानिकारक है बल्कि झील की प्राकृतिक सुंदरता को भी प्रभावित करती है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सर्दी के मौसम में यह झील प्रवासी साइबेरियन पक्षियों का आश्रय स्थल बनती है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह एक विशेष आकर्षण हो सकता है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि झील की जैव विविधता को संरक्षित करते हुए पक्षियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान जिला वन अधिकारी पियुत्स कटियार, पर्यटन विभाग से दीप्ति बख्स, एसडीएम अमृतपुर अतुल कुमार सिंह, तहसीलदार शशांक सिंह, नायब तहसीलदार अनवर हुसैन, सीएफओ अनूप कुमार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि झील के चारों ओर स्वच्छता, बैठने की उचित व्यवस्था, सौर लाइटिंग, सार्वजनिक शौचालय और प्रवेश द्वार जैसे कार्यों की एक समेकित योजना तैयार की जाए। उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देश दिए कि इस स्थल को “ईको-टूरिज्म” के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल की जाए।


