जनभागीदारी और विकास से जुड़ेगा ऐतिहासिक शिवधाम का पुनरुत्थान
फर्रुखाबाद। जनपद के पौराणिक और धार्मिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। फर्रुखाबाद की धरती पर स्थित ‘अपरा काशी’ — एक प्राचीन शिवधाम, जिसे वर्षों से उपेक्षा का शिकार होना पड़ा — अब अपने गौरव को पुनः प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। इस अभियान के केंद्र में हैं जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी, जो न केवल अपने नाम में ‘आशुतोष’ हैं, बल्कि आस्था और प्रशासन का सामंजस्य बनाते हुए भगवान आशुतोष (शिव) की नगरी को उसका धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान दिलाने के प्रयास में जुटे हैं।
जनश्रुति है कि फर्रुखाबाद की यह ‘अपरा काशी’ अयोध्या और काशी की तरह पवित्र है, जहाँ हजारों वर्षों से सावन के सोमवार, शिवरात्रि, और विभिन्न पर्वों पर श्रद्धालु जलाभिषेक करते आ रहे हैं। लेकिन यह स्थान अब तक सरकार की धार्मिक पर्यटन योजना में उपेक्षित रहा है।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने स्वयं पांचाल घाट क्षेत्र का निरीक्षण कर इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को समझा और अब उन्होंने इसे प्रदेश सरकार के समक्ष एक विशिष्ट पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करने की ठानी है। वह राज्य सरकार से विशेष बजट, सौंदर्यीकरण, आधारभूत संरचना विकास, घाट निर्माण, सीसी रोड, लाइटिंग और जनसुविधाओं की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी में हैं।
इस पहल से स्थानीय संत समाज, तीर्थ पुरोहित, मंदिर समिति और आम श्रद्धालु वर्ग में विशेष उत्साह है। लोगों का कहना है कि यदि यह कार्य हो जाता है तो फर्रुखाबाद धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक नया आयाम जोड़ सकता है।
डीएम द्विवेदी का यह प्रयास न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की दृष्टि से भी अनुकरणीय है। उम्मीद है कि यह परियोजना अपरा काशी को एक प्रमुख शिवधाम के रूप में स्थापित करेगी और श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी।


