सेवा, श्रद्धा और संस्कृति को समर्पित हो नई परंपरा, जनपदवासियों से सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
विनय यादव
पीलीभीत। जनपद में सांस्कृतिक मूल्यों और सेवा भावना को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने एक भावनात्मक अपील जारी की है। उन्होंने जनपदवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने जीवन के विशेष अवसर—जैसे जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, सामाजिक या धार्मिक आयोजन—पारंपरिक होटल या पार्टी स्थलों की जगह स्थानीय गौशालाओं में मनाने की पहल करें।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक आयोजन स्थल बदलने की बात नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक क्रांति की शुरुआत है। गौशाला में हवन-पूजन, गौसेवा और भक्ति भाव से जुड़े आयोजन व्यक्ति को आत्मिक संतोष और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, “गौ माता की सेवा केवल धर्म नहीं, यह हमारी संस्कृति, हमारी मान्यता और हमारी जिम्मेदारी है।”
इस पहल को समाज में पुण्य, सकारात्मकता और सेवा के भाव से जोड़ते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि गौशाला में ऐसे आयोजन करने से व्यक्ति को न केवल आत्मिक लाभ होता है, बल्कि समाज में एक प्रेरक संदेश भी जाता है। उन्होंने इसे 1001 गुना पुण्य का कार्य बताते हुए कहा, “जीवन के पावन अवसरों को गौ सेवा से जोड़ें, यही सच्चा उत्सव है।”
जिला प्रशासन की ओर से यह अपील केवल एक औपचारिक संदेश नहीं, बल्कि एक जनांदोलन की शुरुआत मानी जा रही है। जनपद के हर नागरिक से अपेक्षा की गई है कि वे इस नई सोच को अपनाएं और समाज में धर्म, सेवा और सहभाव का एक नया अध्याय लिखें।